महाराष्ट्र के लाखों छात्रों को आधार विसंगतियों से नहीं होगा नुकसान – केंद्र का बड़ा आश्वासन, सांसद प्रतिभा धानोरकर की लोकसभा में जोरदार पहल
“लोकसभा में गूंजा छात्रों के आधार कार्ड विवाद का मुद्दा – 13 लाख से ज्यादा छात्रों के रिकॉर्ड में खामियां, सरकार ने दी विस्तृत रिपोर्ट और भरोसा”
देशभर में चल रही आधार कार्ड से जुड़ी खामियों के बीच महाराष्ट्र के लाखों छात्रों को राहत देने वाली बड़ी खबर सामने आई है। लोकसभा में सोमवार को हुए प्रश्नकाल के दौरान चंद्रपुर की सांसद प्रतिभा धानोरकर ने शैक्षणिक योजनाओं और छात्रवृत्तियों के लिए आवश्यक आधार कार्ड में पाई जाने वाली विसंगतियों का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया। इस पर जवाब देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने साफ किया कि आधार में पाई जाने वाली गड़बड़ियों के कारण किसी भी छात्र को योजनाओं का लाभ लेने से वंचित नहीं किया जाएगा।
महाराष्ट्र में आधार की चौंकाने वाली तस्वीर
सरकार द्वारा लोकसभा सचिवालय में पेश किए गए आंकड़े महाराष्ट्र के शैक्षणिक ढांचे में छुपी चुनौतियों को उजागर करते हैं।
- कुल नामांकित छात्र: 1,84,89,092
- बिना आधार कार्ड वाले छात्र: 4,55,263
- आधार सत्यापन लंबित: 6,80,686
- आधार सत्यापन असफल: 2,08,903
- सफल आधार सत्यापन: 1,71,44,240 (जिनमें से 1,70,36,596 पूरी तरह सत्यापित)
- इन आंकड़ों से साफ है कि लगभग 13 लाख से अधिक छात्रों के आधार विवरण में अभी भी गड़बड़ियां बनी हुई हैं, जिनमें नाम, जन्मतिथि, लिंग और स्पेलिंग की गलतियां मुख्य कारण हैं।
विसंगतियों के कारण
मंत्रालय के अनुसार आधार सत्यापन विफल होने के प्रमुख कारण इस प्रकार हैं:
- नाम और स्पेलिंग में अंतर
- जन्मतिथि की गड़बड़ी या जानकारी अनुपलब्ध होना
- पुराना/अद्यतन न किया गया आधार कार्ड
- राज्य के सरल पोर्टल पर हुई प्रविष्टि संबंधी त्रुटियां
- लिंग से जुड़ी विसंगतियां
सरकार का आश्वासन और समाधान
सरकार ने स्पष्ट किया है कि चाहे आधार सत्यापित हो या नहीं, किसी भी छात्र को समग्र शिक्षा, पीएम-पोषण और अन्य केंद्र-प्रायोजित योजनाओं से वंचित नहीं किया जाएगा।
इसके लिए उठाए गए कदम:
- ब्लॉक और क्लस्टर स्तर पर आधार पंजीकरण व सुधार की निरंतर प्रक्रिया।
- हर ब्लॉक में दो आधार किट्स उपलब्ध कराए गए।
- राज्य सरकारों और परियोजना मूल्यांकन बोर्ड (PAB) के साथ त्रैमासिक बैठकें।
- समस्याओं के समाधान के लिए लगातार निगरानी और मार्गदर्शन।
सांसद धानोरकर की मांग
प्रतिभा धानोरकर ने सरकार की पहल का स्वागत करते हुए कहा कि “आधार विसंगतियों के कारण कोई भी बच्चा शैक्षणिक या आर्थिक लाभ से वंचित न हो – यह सुनिश्चित करना ही हमारी प्राथमिकता है।”
यह मुद्दा केवल तकनीकी विसंगतियों तक सीमित नहीं, बल्कि शिक्षा के अधिकार और सरकारी योजनाओं के न्यायपूर्ण वितरण से भी जुड़ा है। आधार को अनिवार्य बनाने के बाद बड़ी संख्या में छात्रों को गलतियों के चलते योजनाओं का लाभ लेने में दिक्कतें हो रही थीं। सरकार का आश्वासन राहत भरा है, लेकिन चुनौती अब इन खामियों को जल्द सुलझाने और बच्चों को सहज प्रक्रिया उपलब्ध कराने की है।
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