रामाला तालाब स्वच्छता अभियान को मिली रफ्तार – ईकोर्निया जलवनस्पति हटाने के लिए अत्याधुनिक मशीनरी सक्रिय
विधायक किशोर जोरगेवार के प्रयास से 30 करोड़ रुपये की निधि स्वीकृत, मशीनरी से तेज़ी से हो रहा तालाब का पुनरुद्धार
चंद्रपुर शहर के मध्य स्थित ऐतिहासिक और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर रामाला तालाब के संरक्षण और सौंदर्यीकरण के लिए लंबे समय से चल रही पहल को अब नई ऊर्जा मिल गई है। विधायक किशोर जोरगेवार के प्रयासों से 30 करोड़ रुपये की निधि स्वीकृत होने के बाद, चंद्रपुर नगर निगम ने तालाब की सफाई और पुनरुद्धार के लिए अत्याधुनिक तैरती मशीनरी का उपयोग शुरू कर दिया है।
यह मशीन विशेष रूप से ईकोर्निया नामक जलवनस्पति को जड़ सहित हटाने के लिए बनाई गई है। वर्षों से तालाब की सतह पर फैली इस वनस्पति ने जल प्रवाह को बाधित किया, ऑक्सीजन का स्तर घटाया और जलजीवों के जीवन चक्र को प्रभावित किया था। मशीन अब पानी की सतह पर तैरते हुए बड़े पैमाने पर इन वनस्पतियों को इकट्ठा कर बाहर निकाल रही है। इससे सफाई का दायरा और गति दोनों में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, और उम्मीद है कि जल्द ही तालाब पूरी तरह से वनस्पतियों से मुक्त होगा।
विधायक की स्थल निरीक्षण और निर्देश
सोमवार को विधायक किशोर जोरगेवार ने तालाब पर पहुंचकर सफाई कार्य का प्रत्यक्ष निरीक्षण किया। उन्होंने मशीनरी के कार्य, गति और प्रभावशीलता की समीक्षा की। इस दौरान उपायुक्त चिद्रावार, यांत्रिकी सहायक अभियंता चोरे, जलापूर्ति कनिष्ठ अभियंता चोरे, महापौर सुभाष कासनगोट्टूवार, विधानसभा प्रमुख दशरथ ठाकुर, महामंत्री रवी गुरुनूले, युवा मोर्चा अध्यक्ष मयूर हेपट, मंडल अध्यक्ष सुभाष अदमाने सहित कई गणमान्य उपस्थित थे।
निरीक्षण के बाद जोरगेवार ने कहा—
> “रामाला तालाब सिर्फ जलस्रोत नहीं, बल्कि चंद्रपुर की पहचान है। इसका संरक्षण, संवर्धन और सौंदर्य बनाए रखना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। सफाई के बाद भी निरंतर देखभाल जरूरी है, तभी यह प्रयास लंबे समय तक टिकेगा।”
उन्होंने अधिकारियों को कार्य और तेजी से करने तथा हटाई गई वनस्पतियों के उचित निपटान के निर्देश भी दिए।
अभियान से अपेक्षित लाभ
नगर निगम का यह कदम न केवल तालाब की सुंदरता लौटाएगा, बल्कि इसके जल की गुणवत्ता भी सुधारेगा।
- जल प्रवाह में सुधार – जमी हुई वनस्पतियों के हटने से पानी का संचरण सुचारु होगा।
- ऑक्सीजन स्तर में वृद्धि – पानी में घुलित ऑक्सीजन का स्तर बढ़ेगा, जिससे मछलियों और अन्य जलीय जीवों का जीवन सुधरेगा।
- जैव विविधता का संरक्षण – जलजीव और जलवनस्पतियों के प्राकृतिक आवास को मजबूती मिलेगी।
- पर्यटन और मनोरंजन में बढ़ोतरी – तालाब परिसर फिर से नागरिकों और पर्यटकों के लिए स्वच्छ, आकर्षक और प्राकृतिक स्थल बनेगा।
इस अभियान से रामाला तालाब के ऐतिहासिक महत्व को पुनर्जीवित करने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा। उम्मीद है कि सफाई और रखरखाव के इस सतत प्रयास से आने वाले वर्षों तक तालाब अपनी प्राकृतिक और सांस्कृतिक महिमा को बनाए रखेगा।
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