- विधायक किशोर जोरगेवार की संकल्पना से चंद्रपुर में आयोजित महोत्सव बना आस्था और एकता का संगम।
- कन्या पूजन और भोजन के अभूतपूर्व आयोजन से भक्तिमय हुआ वातावरण, प्राचीन परंपराओं को मिला सम्मान।
- प्रसिद्ध गायिका साधना सरगम के भजनों से झूमे भक्त, भक्तिरस में डूबा महोत्सव।
- विभिन्न सामाजिक संगठनों की स्वस्फूर्त भागीदारी ने महोत्सव को बनाया ‘लोकमहोत्सव’।
नवरात्रि के पावन पर्व पर, श्री माता महाकाली महोत्सव में स्त्री-शक्ति के सम्मान में कई अभूतपूर्व कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसने पूरे चंद्रपुर को भक्ति और श्रद्धा के माहौल में सराबोर कर दिया। विधायक किशोर जोरगेवार की संकल्पना से आयोजित इस महोत्सव में धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का ऐसा संगम देखने को मिला, जिसने इसे एक सच्चे ‘लोकमहोत्सव’ (जन-उत्सव) का रूप दे दिया है।
9,999 कन्याओं का पूजन: एक ऐतिहासिक क्षण
भारतीय संस्कृति में नवरात्रि के दौरान कन्याओं को देवी का साक्षात रूप मानकर उनकी पूजा करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इसी गौरवशाली परंपरा को एक नई ऊंचाई देते हुए, श्री माता महाकाली महोत्सव में 9,999 कन्याओं का पूजन और भोजन आयोजित किया गया। इस भव्य कार्यक्रम में महालक्ष्मी, महाकाली और महासरस्वती का प्रतिरूप मानी जाने वाली कन्याओं के चरण पखारे गए, उनकी आरती उतारी गई और उन्हें नैवेद्य अर्पित कर सम्मानित किया गया। इसके बाद सभी कन्याओं को अत्यंत प्रेम और सम्मान के साथ भोजन कराया गया। यह भावुक और पवित्र दृश्य उपस्थित हजारों भक्तों के हृदय में सदा के लिए अंकित हो गया।
25,000 से अधिक महिलाओं का ‘लेणसौभाग्य’ सम्मान
महोत्सव का एक और मुख्य आकर्षण ‘लेणसौभाग्य’ कार्यक्रम रहा, जिसका उद्देश्य स्त्री-शक्ति का गौरव और विवाहित महिलाओं के अखंड सौभाग्य की कामना करना था। इस अनूठे उपक्रम के तहत, मंदिर में दर्शन के लिए आई 25,000 से अधिक सुहागिन महिलाओं को सौभाग्य, मंगल और समृद्धि का प्रतीक मानी जाने वाली हरी चूड़ियां पहनाकर उनका सम्मान किया गया और उनके सुखी वैवाहिक जीवन की मंगलकामना की गई। यह आयोजन नारी सम्मान का एक शक्तिशाली संदेश दे गया।
यह महोत्सव केवल धार्मिक अनुष्ठानों तक ही सीमित नहीं रहा। विधायक जोरगेवार के नेतृत्व में इसे सामाजिक सरोकार से भी जोड़ा गया। इसके अंतर्गत 9,999 माताओं-बहनों का सम्मान किया गया और नवरात्रि के दौरान जन्मी बालिकाओं को चांदी का सिक्का देकर सम्मानित करने जैसी पहल भी की गई, जिससे “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” के संदेश को भी बल मिला।
साधना सरगम के स्वरों ने घोला भक्ति का रस
महोत्सव की एक शाम सुर और भक्ति के नाम रही, जब सुप्रसिद्ध पार्श्व गायिका साधना सरगम ने अपने मधुर स्वरों से समां बांध दिया। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी श्री संदीप देशपांडे, राष्ट्रीय ओबीसी आयोग के अध्यक्ष श्री हंसराज अहीर और विधायक किशोर जोरगेवार द्वारा महाकाली की महाआरती के साथ हुई। इसके बाद साधना सरगम ने अपने आत्मस्पर्शी और सुरीले भजनों से ऐसा भक्तिमय वातावरण बनाया कि मंदिर परिसर दिव्य ऊर्जा से प्रकाशित हो उठा और उपस्थित भक्तगण भक्तिरस में डूब गए।
कुल मिलाकर, कन्या पूजन और लेणसौभाग्य जैसे पवित्र अनुष्ठानों ने महाकाली महोत्सव को एक मजबूत धार्मिक और सांस्कृतिक आधार प्रदान किया। स्त्री-शक्ति का गौरव, भक्ति की उत्कट भावना और सामाजिक एकता का यह अद्भुत संगम इस महोत्सव को चंद्रपुर के इतिहास में एक अविस्मरणीय अध्याय के रूप में स्थापित कर गया है।
