ओबीसी आरक्षण पर विवाद: राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ ने राज्य मागास आयोग को सौंपा ज्ञापन
A Desperate Attempt to Include Arya Vaishya Komati Community in OBC Category: Dr. Ashok Jiwatode – महाराष्ट्र राज्य मागास आयोग के अध्यक्ष और सदस्य आज चंद्रपुर जिले के दौरे पर पहुंचे, जहां राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ की ओर से उनके समक्ष विरोध प्रदर्शन किया गया और एक ज्ञापन सौंपा गया। यह विरोध आर्य वैश्य कोमटी समाज को ओबीसी वर्ग में शामिल करने के प्रस्ताव के खिलाफ किया गया।
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राजनीतिक दबाव के जरिए आरक्षण की मांग का विरोध
राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के नेताओं का कहना है कि आर्य वैश्य कोमटी समाज को महाराष्ट्र में एक समृद्ध और संपन्न समुदाय के रूप में जाना जाता है। इसके बावजूद, इस समाज को ओबीसी वर्ग में शामिल करने के लिए राजनीतिक दबाव डाला जा रहा है। महासंघ का आरोप है कि यह एक भ्रामक और अनुचित प्रयास है, जो केवल राजनीतिक लाभ उठाने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
महासंघ ने आयोग के समक्ष रखी अपनी बात
आज राज्य मागास आयोग द्वारा सुनवाई आयोजित की गई थी, जिसमें राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ ने इस मुद्दे पर कड़ा विरोध जताया। महासंघ की ओर से आयोग को सौंपे गए ज्ञापन में स्पष्ट किया गया कि कोमटी समाज के लोग आर्थिक रूप से सक्षम हैं और वे किसी भी प्रकार से पिछड़े वर्ग में नहीं आते। महासंघ के अनुसार, इस समाज में बेरोजगारी, मजदूरी करने वाले लोग, खेतिहर मजदूर, छोटे दुकानदार, गरीब किसान, सड़क किनारे सामान बेचने वाले, या कमजोर आर्थिक स्थिति वाले परिवार बहुत कम या नगण्य संख्या में हैं।
महासंघ के वरिष्ठ नेता डॉ. अशोक जीवतोडे ने कहा,
“1992 से लेकर अब तक कोमटी समाज को ओबीसी आरक्षण दिलाने के लिए कभी कोई प्रयास नहीं किया गया। लेकिन अब राजनीतिक प्रभाव का उपयोग कर इस समाज को ओबीसी में शामिल करने की कोशिश की जा रही है, जिससे मूल ओबीसी समुदायों के अधिकारों का हनन होगा।”
महासंघ ने आयोग से निष्पक्ष निर्णय की मांग की
राष्ट्रीय महासचिव सचिन राजूरकर ने आयोग से अनुरोध किया कि वे इस मामले में निष्पक्ष रूप से निर्णय लें और महासंघ की दलीलों को गंभीरता से सुने। उन्होंने कहा कि महासंघ सुनवाई में पूरी तरह सहयोग करेगा और यह साबित करने के लिए पर्याप्त प्रमाण देगा कि आर्य वैश्य कोमटी समाज पिछड़ा नहीं है।
महासंघ के पदाधिकारियों ने दिया ज्ञापन
ज्ञापन सौंपते समय महासंघ के प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित थे, जिनमें राष्ट्रीय समन्वयक डॉ. अशोक जीवतोडे, राष्ट्रीय महासचिव सचिन राजूरकर, विदर्भ अध्यक्ष दिनेश चोखारे, चंद्रपुर जिला अध्यक्ष नितिन कुकड़े, महिला नेत्री मनिषा बोबडे सहित अन्य कार्यकर्ता और पदाधिकारी शामिल थे।
राजनीतिक प्रभाव से बढ़ रहा है ओबीसी आरक्षण विवाद
महाराष्ट्र में ओबीसी आरक्षण का मुद्दा पिछले कुछ वर्षों से राजनीतिक और सामाजिक विवाद का विषय बना हुआ है। कई समुदाय अपने लिए आरक्षण की मांग कर रहे हैं, जबकि मौजूदा ओबीसी संगठनों को डर है कि इससे उनके हिस्से के अधिकार कम हो सकते हैं।
अब देखना यह होगा कि राज्य मागास आयोग इस मामले पर क्या निर्णय लेता है और क्या ओबीसी महासंघ की आपत्तियों को स्वीकार किया जाता है या नहीं।