बीती बारिश और हल्की आंधी से घुग्घुस के 2 बागीचों के शेड़ ध्वस्त हो गये। इन 2 बागीचों को क्रमश: 57 लाख और एक करोड़ की निधि से बनाया गया था। परंतु घटिया निर्माण कार्य, कमिशनखोरी, भ्रष्टाचार के चलते यहां के बागीचों के संसाधन ताश के पत्तों की तरह ढहने की चर्चा अब घुग्घुसवासियों में चिंता का विषय बनी हुई है। इस एक्ट ऑफ फ्रॉड को लेकर शहरवासी उच्च स्तरीय जांच की मांग करने लगे हैं। विकास का सतत दावा करने वाले विकास पुरुषों को अब अपने गिरेबान में झांकते हुए तत्काल इस घटिया निर्माण कार्य की उच्च स्तरीय जांच के आदेश देने चाहिये।
प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (Prime Minister’s Mineral Sector Welfare Scheme) के अंतर्गत सार्वजनिक बांधकाम विभाग चंद्रपुर द्वारा वर्ष 2018 – 2019 में जिले की औद्योगिक नगरी घुग्घुस शहर में करोड़ों रुपए खर्च कर कुल 6 वार्डों में, जिसमें वार्ड क्रमांक 1 में तिलकनगर, वार्ड क्रमांक 2 में बैरम बाबा मंदिर, वार्ड क्रमांक 3 में सुभाष नगर, वार्ड क्रमांक 4 में इंदिरा नगर, वार्ड क्रमांक 5 में शिवनगर व रामनगर, वार्ड क्रमांक 6 में हनुमान मंदिर बैरम बाबा वार्ड, राधाकृष्ण मंदिर, हनुमान मंदिर तुकडोजी नगर, तुकडोजी नगर में कुल मिलाकर 10 बगीचों का निर्माण व सौदर्यीकरण किया गया था। इन 10 बगीचों का लोकार्पण घुग्घुस नगर परिषद स्थापना के चार माह पूर्व अर्थात 15 अगस्त 2020 को तत्कालीन पूर्व वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार द्वारा किया गया था।
बागीचे का शेड ढहा, ठेकेदार पर कार्रवाई नहीं
सार्वजनिक बांधकाम अभियंता व ठेकेदार पर अपराध दर्ज करने की मांग स्थानीय कांग्रेस की ओर से की जा रही है। यहां के तिलकनगर बस्ती में जिले के पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार के निधि से करीब 57 लाख खर्च कर बगीचे का निर्माण किया गया था। शेड का निर्माण करते समय बांस के पिल्लर पर वजनी लोहे के बीम चढ़ाये गये। ठेकेदार की गलती के कारण यह शेड ढह गया। यह हादसा 16 मार्च 2023 की रात 9 बजे के दौरान घटी। इसी स्थल पर तिलक नगर बस्ती निवासी एक परिवार के ब्याह समारोह का आयोजन होना था, लेकिन आयोजन के पूर्व ही शेड ढह जाने से जीवित हानि टल गई। यदि यह हादसा अन्य समय पर हुआ होता तो बागीचे में आने वाले बच्चों व बुजुर्गों पर बड़ा संकट टूट पड़ सकता था। इस हादसे के लिए दोषी सार्वजनिक बांधकाम विभाग के अभियंता व ठेकेदार पर तत्काल कार्रवाई करने तथा अन्य सभी बागीचों के निर्माण तथा निधि उपयोगिता की जांच करने की मांग घुग्घुस कांग्रेस की ओर से शहर अध्यक्ष राजू रेड्डी ने की है। कांग्रेस ने जब इन बागीचों का मुआयना किया तो यहां के निवासियों ने खस्ताहाल बागीचों व भ्रष्ट व्यवस्था की अनेक शिकायतें दी। सार्वजनिक निर्माण विभाग के संबंधित अभियंता व ठेकेदार पर उचित कार्रवाई न होने पर कांग्रेस की ओर से तीव्र आंदोलन करने की चेतावनी भी कांग्रेस के राजू रेड्डी व अन्य पदाधिकारियों ने दी है।
ज्ञात हो कि तिलकनगर का यह बगीचा प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के तहत सार्वजनिक बांधकाम विभाग क्र. 1 चंद्रपुर के माध्यम से 57 लाख 70 हजार रुपये निधि खर्च कर बनाया गया था। इसका ठेका नागपुर के ठेकेदार एम. एस. भांडारकर (Nagpur contractor M.S. Bhandarkar) को दिया गया था। इसका लोकार्पण सुधीर मुनगंटीवार द्वारा देवराव भोंगले, नितु चौधरी, निरिक्षण ताड्रा, रंजीता आगदारी संतोष नुने की उपस्थिति में 15 अगस्त 2020 को किया गया था।
अटल बिहारी बाजपेयी गार्डन भी बर्बाद
प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के तहत वार्ड क्रमांक 5 में बनाये गये अटल बिहारी बाजपेयी गार्डन को भी इसी तरह बर्बाद किया गया है। यह बागीचा तो करीब एक करोड़ की निधि खर्च कर बनाया गया था। 99 लाख 87 हजार रुपयों की निधि खर्च करने के बावजूद यहां का भी शेड 21 मार्च 2023 को बुरी तरह से ढह गया। गौरतलब है कि इस गार्डन के निर्माण का ठेका भी नागपुर के एम. एस. भांडारकर को ही दिया गया था। करोड़ निधि खर्च करने के बावजूद घटिया निर्माण कार्य के चलते यह ध्वस्त हो रहा है। परंतु संबंधित जनप्रतिनिधि व विभाग के आला अधिकारियों की ओर से इन प्रकरणों की जांच व कार्रवाई करने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। इसके चलते मिलीभगत और भ्रष्टाचार किये जाने की शंका को बल मिल रहा है।
