अब वन्यजीवों और इंसानों के बीच टकराव को रोकने के लिए अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक का सहारा लिया जाएगा। ताडोबा-अंधारी बाघ प्रकल्प से लेकर नवेगाव-नागझिरा तक के समस्त वन क्षेत्रों में यह एआई-आधारित निगरानी तंत्र लगाया जाएगा।
राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने बताया कि यह पहल मानव और वन्य प्राणी संघर्ष को कम करने में मील का पत्थर साबित होगी। योजना के तहत 900 स्थानों पर निगरानी कैमरे और अलार्म सिस्टम लगाए जाएंगे। जब भी कोई बाघ या तेंदुआ ग्रामीण क्षेत्र या खेतों के पास आता है, यह तकनीक उसे कैमरे में रिकॉर्ड कर अलर्ट जारी करेगी, जिससे समय रहते लोगों को सतर्क किया जा सके और जानमाल की हानि रोकी जा सके।
बावनकुले ने कहा, “पिछले तीन वर्षों में बाघों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इस वजह से बाघ अब मानव बस्तियों की ओर बढ़ रहे हैं। इस तकनीक से ग्रामीणों की जान बचाना संभव होगा।”
यह पहल महाराष्ट्र सरकार की एक दूरदर्शी रणनीति है जो न सिर्फ मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए तकनीकी समाधान उपलब्ध कराती है।
News Title : AI Surveillance in Forests: Alarms Will Sound on Tiger Sighting, Preventing Loss of Life
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