महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस विधायक दल के नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार के राष्ट्रवादी कांग्रेस (अजित पवार गुट) में शामिल होने की चर्चा जोरों पर है। इस बीच, वडेट्टीवार के करीबी माने जाने वाले ब्रम्हपुरी नगर परिषद के पूर्व गटनेता विलास विखार, पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. सतीश कावळे, गौरव अशोक भैय्या, पूर्व पंचायत समिति सभापति नामदेव लांजेवार और सुरेश दुर्वे ने मुंबई में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष व राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुळे की उपस्थिति में भाजपा में प्रवेश कर लिया है। इस घटनाक्रम से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है।
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वडेट्टीवार के राष्ट्रवादी कांग्रेस प्रवेश की चर्चा
विजय वडेट्टीवार पिछले पांच वर्षों से सत्ता से दूर हैं, जिससे वे लगातार असंतुष्ट बताए जा रहे हैं। इसी असंतोष के कारण उन्होंने हाल ही में ब्रम्हपुरी स्थित अपने निवास पर कुछ विश्वासपात्र सहयोगियों की बैठक बुलाई थी। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस (अजित पवार गुट) में शामिल होने का प्रस्ताव रखा। हालांकि, इस प्रस्ताव पर उनके कई सहयोगियों ने असहमति जताई।
सूत्रों के मुताबिक, यदि वडेट्टीवार राष्ट्रवादी कांग्रेस में शामिल होते हैं, तो उन्हें अपनी विधायक पद से इस्तीफा देना होगा और दोबारा चुनाव में उतरना पड़ेगा। इस स्थिति को देखते हुए उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस से विधान परिषद की सदस्यता और मंत्री पद की मांग की है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस के दो मंत्री पद होंगे रिक्त
इस बीच, अजित पवार गुट के दो मंत्रियों पर गंभीर आरोपों के चलते इस्तीफे की चर्चा भी जोरों पर है। इनमें से धनंजय मुंडे ने पहले ही इस्तीफा दे दिया है, जबकि माणिकराव कोकाटे का भी इस्तीफा संभावित माना जा रहा है। ऐसे में वडेट्टीवार ने विधान परिषद की सदस्यता और मंत्री पद की मांग रखी है।
बताया जा रहा है कि 11 से 15 मार्च के बीच वडेट्टीवार के राष्ट्रवादी कांग्रेस में शामिल होने को लेकर अहम घटनाक्रम हो सकते हैं। हालांकि, उनके कुछ प्रमुख समर्थक राष्ट्रवादी कांग्रेस में जाने के पक्ष में नहीं थे, जिस वजह से उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया।
वडेट्टीवार के समर्थकों का भाजपा में प्रवेश
वडेट्टीवार के करीबी सहयोगी गौरव अशोक भैय्या, नगर परिषद के पूर्व गटनेता विलास विखार, पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. सतीश कावळे, पंचायत समिति के पूर्व सभापति नामदेव लांजेवार और सुरेश दुर्वे ने भाजपा में प्रवेश किया। इनके साथ सुखदेव खेने, स्वप्नील सावरकर, मोहन वैद्य, बंसीलाल कुर्जेकार और निलेश चिंचुरकर ने भी भाजपा की सदस्यता ली।
मुंबई में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुळे, प्रदेश मुख्यालय प्रभारी रविंद्र अनासपुरे, मीडिया प्रमुख नवनाथ बन और चिमूर के विधायक बंटी भांगडिया की उपस्थिति में इनका पार्टी में स्वागत किया गया। भाजपा नेतृत्व ने इन नए नेताओं से संगठन को मजबूत करने और सदस्यता अभियान में सक्रिय भागीदारी की अपील की।
कांग्रेस को बड़ा झटका
भाजपा में हुए इस बड़े राजनीतिक प्रवेश से कांग्रेस को गहरा झटका लगा है। खासकर ब्रम्हपुरी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस की पकड़ कमजोर होती नजर आ रही है। विजय वडेट्टीवार के लिए भी यह एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि उनके कई करीबी सहयोगियों ने उन्हें छोड़कर भाजपा का रुख कर लिया है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वडेट्टीवार राष्ट्रवादी कांग्रेस में शामिल होते हैं या कांग्रेस में बने रहते हैं। साथ ही, भाजपा में शामिल हुए नेताओं की भूमिका आने वाले विधानसभा चुनावों में कितनी प्रभावी होगी, इस पर भी राजनीतिक विश्लेषकों की नजर बनी हुई है।