बाबुपेठ उड्डाणपुल को गुरुवार सुबह यातायात के लिए खोल दिया गया, लेकिन इसके श्रेय को लेकर भाजपा और चंद्रपुर के विधायक किशोर जोरगेवार के बीच तीखा सियासी संग्राम शुरू हो गया है। इस पुल के उद्घाटन को लेकर शुरू हुई सियासत के बीच भाजपा के नेता ब्रिजभूषण पाझारे ने आधी रात को अंधेरे में 1 बजे फटाखे फोड़कर पुल को चालू किया, जबकि विधायक जोरगेवार ने दिन के समय सैकड़ों समर्थकों की मौजूदगी में पुल का उद्घाटन किया।
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विधायक किशोर जोरगेवार और राज्य के वन एवं सांस्कृतिक मंत्री सुधीर मुनगंटीवार के समर्थकों के बीच चल रही तनातनी पिछले कुछ समय से लगातार चर्चा में है। जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, यह संघर्ष और भी तीव्र हो रहा है। गुरुवार को चंद्रपुर शहर के बाबुपेठ उड्डाणपुल के उद्घाटन को लेकर दोनों गुटों के बीच एक बार फिर तनाव देखने को मिला। जोरगेवार और मुनगंटीवार समर्थकों ने उद्घाटन के लिए बैनर लगाए और दोनों ही गुटों ने अपने-अपने तरीके से पुल का उद्घाटन किया।
भाजपा के नेता ब्रिजभूषण पाझारे ने अपने समर्थकों के साथ आधी रात को 1 बजे पुल को यातायात के लिए खोल दिया, जबकि दिन में विधायक जोरगेवार ने पुल को औपचारिक रूप से खोलते हुए कहा कि उन्होंने बाबुपेठ के निवासियों से किया हुआ वादा पूरा कर दिया है। उन्होंने भाजपा नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कुछ लोग रात में केवल 7-8 लोगों के साथ मिलकर ऐसे काम करते हैं जो जनता के लिए जोखिम भरा होता है।
गौरतलब है कि जोरगेवार और भाजपा के बीच इससे पहले भी आजाद बाग के नवीनीकरण के कार्यक्रम में संघर्ष देखने को मिला था। भाजपा कार्यकर्ताओं और जोरगेवार के ‘यंग चांदा ब्रिगेड’ के बीच अक्सर झड़पें होती रही हैं। हालांकि, पिछले ढाई साल से जोरगेवार महायुती सरकार का समर्थन कर रहे हैं और अगली विधानसभा चुनावों में महायुती के उम्मीदवार के रूप में उनके लड़ने की उम्मीद की जा रही थी। लेकिन भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार के साथ उनके विवाद से उनके राजनीतिक समीकरणों पर असर पड़ सकता है।
भाजपा नेता ब्रिजभूषण पाझारे से जब इस संबंध में सवाल किया गया, तो उन्होंने बताया कि उन्होंने शाम 7 बजे ही करीब 200 लोगों की उपस्थिति में पुल को यातायात के लिए खोल दिया था।