महाराष्ट्र में भ्रष्टाचार के खिलाफ 🔍ACB (लाचलुचपत प्रतिबंधक विभाग) द्वारा की जा रही सख्त कार्रवाई के तहत एक और बड़ा मामला सामने आया है। चंद्रपुर जिले के बल्लारपूर के तहसीलदार अभय गायकवाड को एसीबी ने रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया है, जबकि उनके साथी पटवारी सचिन पुकळे फरार हो गए हैं। इस घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है।
Whatsapp Channel |
क्या है पूरा मामला?
🔍चंद्रपुर जिले के🔍 बल्लारपूर तहसीलदार और उनके सहयोगी पटवारी पर रिश्वतखोरी का संगीन आरोप लगा है। एक किसान ने अपनी जमीन से मिट्टी और मुरुम का उत्खनन किया था, लेकिन इसे अवैध बताकर तहसीलदार और पटवारी ने उनसे 2 लाख 20 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की।
कैसे हुआ पर्दाफाश?
शिकायतकर्ता किसान ने भ्रष्टाचार के इस दबाव से तंग आकर एसीबी से संपर्क किया। इसके बाद एसीबी की टीम ने योजना बनाकर तहसीलदार को रंगेहाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाया। किसान द्वारा पहले ही 1 लाख 20 हजार रुपये तहसीलदार और पटवारी को दिए जा चुके थे, लेकिन जब शेष 1 लाख रुपये की मांग बढ़ने लगी, तो किसान ने एसीबी को सूचित कर दिया।
रंगेहाथ हुई गिरफ्तारी
एसीबी की टीम ने रणनीतिक तरीके से तहसील कार्यालय के पास जाल बिछाया। जैसे ही तहसीलदार गायकवाड ने रिश्वत की रकम स्वीकार की, एसीबी अधिकारियों ने उन्हें तुरंत पकड़ लिया। हालांकि, उनके सहयोगी पटवारी सचिन पुकळे मौके से फरार होने में सफल रहे।
तहसील कार्यालय में मचा हड़कंप
इस कार्रवाई के बाद तहसील कार्यालय में हड़कंप मच गया। एसीबी की छापेमारी के दौरान तहसीलदार के कार्यालय और घर की भी तलाशी ली गई, जहां से कई अहम दस्तावेज जब्त किए गए। फरार पटवारी की तलाश के लिए अलग से टीम गठित कर दी गई है।
एसीबी की सतर्कता और बढ़ेगी
राज्य में बढ़ती भ्रष्टाचार विरोधी कार्रवाई को देखते हुए यह स्पष्ट हो गया है कि अब भ्रष्टाचारियों के लिए बचना मुश्किल होगा। एसीबी लगातार अधिकारियों पर नजर बनाए हुए है और ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई कर रही है।
इस मामले में आगे की जांच जारी है और पटवारी की जल्द गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है। वहीं, इस कार्रवाई से भ्रष्ट अधिकारियों में खलबली मची हुई है और जनता में एसीबी के प्रति विश्वास बढ़ा है।