भारतीय जनता पार्टी ने चंद्रपुर महानगर में विभिन्न मंडल अध्यक्षों की नई नियुक्तियाँ कर संगठन को नई दिशा दी है। अनुभवी और निष्ठावान कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपते हुए भाजपा ने संगठनात्मक मजबूती का संकेत दिया है।
भारतीय जनता पार्टी ने चंद्रपुर महानगर संगठन को पुनर्गठित करते हुए विभिन्न मंडलों के अध्यक्ष पदों की नियुक्तियाँ आधिकारिक रूप से घोषित कर दी हैं। यह निर्णय मुंबई में आयोजित एक विशेष संगठनात्मक बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण ने की। बैठक में प्रदेश महामंत्री माधवी नाईक, विदर्भ संगठन मंत्री डॉ. उपेंद्र कोठेकर, चंद्रपुर के विधायक किशोर जोरगेवार, महानगर अध्यक्ष सुभाष कासनगोट्टूवार, और पूर्व शहर अध्यक्ष दशरथसिंह ठाकूर जैसे वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
बैठक के दौरान विधायक किशोर जोरगेवार की सिफारिश पर महानगर अध्यक्ष सुभाष कासनगोट्टूवार द्वारा प्रस्तावित नामों पर गंभीर विचार-विमर्श किया गया। कार्यकर्ताओं का राजनीतिक अनुभव, पार्टी के प्रति निष्ठा, और संगठनात्मक क्षमता को प्राथमिकता देते हुए प्रदेश नेतृत्व ने इन नियुक्तियों पर मुहर लगाई।
नए मंडल अध्यक्षों की सूची इस प्रकार है:
तुकूम मंडल – स्वप्नील डुकरे
बाजारवार्ड मंडल – सुभाष अदमाने
सिविल लाइन्स मंडल – रवि जोगी
बापूपेठ मंडल – प्रदीप किरमे
बंगाली कैंप मंडल – अॅड. सौ. सारिका संदूरकर
चंद्रपुर ग्रामीण – विनोद खेवले
इन नियुक्तियों से यह स्पष्ट है कि भाजपा अब युवा और सक्रिय चेहरों को संगठन में अहम भूमिका देने की रणनीति पर काम कर रही है। स्थानीय स्तर पर भाजपा के विचारों को प्रसारित करना, जनसंपर्क बढ़ाना, और संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करना इन नए अध्यक्षों की प्रमुख जिम्मेदारियाँ होंगी।
भाजपा ने यह संदेश भी दिया है कि कार्यकर्ताओं का सम्मान और उन्हें जिम्मेदारी देना ही संगठन की असली ताकत है। यह कदम भाजपा के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक अहम पहल के रूप में देखा जा रहा है।
विधायक किशोर जोरगेवार ने अपील की है कि सभी नए अध्यक्ष अपने-अपने क्षेत्रों में संगठन को विस्तार दें, जनता की समस्याओं को सुनें और उन्हें सुलझाने में पार्टी के माध्यम से पहल करें, ताकि भाजपा की विचारधारा अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।
इस घटनाक्रम से स्पष्ट है कि भारतीय जनता पार्टी ने 2024-25 के चुनावी समीकरणों को ध्यान में रखते हुए संगठनात्मक पृष्ठभूमि मजबूत करने की कवायद तेज कर दी है। विदर्भ जैसे क्षेत्र में भाजपा की पकड़ बनाए रखने के लिए यह नियुक्तियाँ सामरिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण हैं।
संगठन में युवाओं की भागीदारी बढ़ाकर भाजपा न केवल नई ऊर्जा का संचार कर रही है, बल्कि भविष्य की चुनावी चुनौतियों से निपटने के लिए स्थानीय स्तर पर नेतृत्व तैयार करने की रणनीति भी बना रही है।
