36 दिनों में तीसरी बार चंद्रपुर पहुंचे मुख्यमंत्री फडणवीस, भाजपा नेताओं में दूरियां खत्म?
BJP’s Unity in Chandrapur: CM Devendra Fadnavis and Munangtiwar Share the Stage: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बीते 36 दिनों में तीसरी बार चंद्रपुर जिले का दौरा किया। इससे पहले उनके हर दौरे में किसी न किसी भाजपा विधायक की अनुपस्थिति चर्चा में रही थी, जिससे पार्टी में आंतरिक मतभेद की अटकलें तेज हो गई थीं। लेकिन इस बार, सन्मित्र नागरी सहकारी बैंक के कार्यक्रम में जिले के सभी भाजपा विधायक, पालकमंत्री और ओबीसी आयोग के अध्यक्ष एक ही मंच पर नजर आए, जिससे यह संदेश देने की कोशिश की गई कि अब पार्टी में सबकुछ ठीक हो गया है।
Whatsapp Channel |
तीन दौरों में कौन रहा अनुपस्थित?
मुख्यमंत्री फडणवीस ने 10 जनवरी से 16 फरवरी के बीच चंद्रपुर जिले का तीन बार दौरा किया:
10 जनवरी: मुख्यमंत्री फडणवीस ने पूर्व मुख्यमंत्री मारोतराव कन्नमवार की जयंती के शतकोत्तर रजत महोत्सव कार्यक्रम में भाग लिया। इस कार्यक्रम में विधायक किशोर जोरगेवार और ओबीसी आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर मौजूद थे, लेकिन पूर्व पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार और अन्य विधायक अनुपस्थित रहे।
9 फरवरी: आनंदवन में महारोगी सेवा समिति की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री फडणवीस शामिल हुए। इस बार पालकमंत्री अशोक उईके, विधायक किशोर जोरगेवार और करण देवतळे उपस्थित थे, लेकिन सुधीर मुनगंटीवार फिर से कार्यक्रम से दूर रहे। इससे यह अटकलें लगाई जाने लगीं कि मुनगंटीवार और मुख्यमंत्री के बीच कोई राजनीतिक मतभेद है।
अब मंच पर दिखी एकजुटता, “वैलेंटाइन डे” जैसा नजारा
लेकिन 16 फरवरी को सन्मित्र नागरी सहकारी बैंक के कार्यक्रम में एक अलग ही तस्वीर सामने आई। मुख्यमंत्री फडणवीस के साथ, सुधीर मुनगंटीवार, विधायक कीर्तीकुमार भांगडिया, किशोर जोरगेवार, देवराव भोंगळे, करण देवतळे, पालकमंत्री अशोक उईके और ओबीसी आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर एक ही मंच पर बैठे।
इतना ही नहीं, सुधीर मुनगंटीवार ने मोरवा हवाई अड्डे पर मुख्यमंत्री फडणवीस का स्वागत किया और पूरे कार्यक्रम में उनके साथ रहे। मंच पर न केवल मुख्यमंत्री और मुनगंटीवार ने खुलकर बातचीत की, बल्कि हंसराज अहीर और मुनगंटीवार भी साथ बैठे नजर आए। इससे राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा शुरू हो गई कि चंद्रपुर भाजपा में अब मतभेद खत्म हो गए हैं।
शोभा फडणवीस की सक्रियता का दिखा असर
यह भी कहा जा रहा है कि पूर्व मंत्री शोभा फडणवीस की पहल पर मुख्यमंत्री ने 10 जनवरी और 16 फरवरी को चंद्रपुर का दौरा किया। उन्होंने अपनी सक्रियता दिखाते हुए भाजपा नेताओं को एकजुट करने की कोशिश की, जो अब सफल होती दिख रही है।
क्या भाजपा की गुटबाजी खत्म हो गई?
राज्य में सरकार बनने के बाद से चंद्रपुर भाजपा में अंदरूनी कलह की खबरें सामने आ रही थीं। पालकमंत्री अशोक उईके के पहले आगमन और मुख्यमंत्री के पहले दौरे पर यह गुटबाजी खुलकर दिखी थी। लेकिन अब, 36वें दिन 36 की संख्या को खत्म कर भाजपा के सभी नेता एक मंच पर आ गए, जिससे यह संदेश देने की कोशिश की गई कि अब पार्टी में सब कुछ ठीक है।
भले ही यह एक राजनीतिक मंच था, लेकिन जिस तरह से भाजपा के सभी नेता एक-दूसरे के साथ घुले-मिले नजर आए, उसे देखकर ऐसा लगा जैसे यह दिन राजनीतिक “वैलेंटाइन डे” बन गया हो।