बस्तर के पत्रकार अविनाश प्रसाद ने सोशल मीडिया पर उस सेप्टिक टैंक की तस्वीर साझा करते हुए आक्रोश के साथ लिखा – ‘ये सेप्टिक टैंक नहीं…ये पत्रकारिता की कब्र है.’
- सड़क घोटाले की खबर के बाद मिली धमकी, ठेकेदार के परिसर से बरामद हुई लाश
- पत्रकार सुरक्षा कानून अमल में न आना बना पत्रकारों की सुरक्षा के लिए बड़ा सवाल
- सेप्टिक टैंक की तस्वीर पर बस्तर के पत्रकार बोले – ‘यह पत्रकारिता की कब्र है’
छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के बीजापुर जिले से युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। मुकेश चंद्राकर, जो एनडीटीवी सहित कई प्रतिष्ठित चैनलों के साथ जुड़कर काम कर चुके थे और “बस्तर जंक्शन” नामक लोकप्रिय यूट्यूब चैनल चलाते थे, एक जनवरी से लापता थे। तीन जनवरी को उनकी लाश बीजापुर में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के परिसर में बने सेप्टिक टैंक से बरामद हुई।
Whatsapp Channel |
बताया जा रहा है कि मुकेश ने हाल ही में सड़क निर्माण में अनियमितताओं को उजागर करने वाली एक रिपोर्ट में काम किया था। इस घोटाले से जुड़े ठेकेदार सुरेश चंद्राकर का नाम प्रमुखता से सामने आया था। अब उसी ठेकेदार पर हत्या का संदेह गहरा हो गया है।
बस्तर के वरिष्ठ पत्रकारों और सामाजिक संगठनों में इस घटना को लेकर गुस्सा है। उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि न केवल मुकेश चंद्राकर के हत्यारों को कठोर सजा दी जाए बल्कि पत्रकार सुरक्षा कानून को लागू कर क्षेत्र में पत्रकारों की स्वतंत्रता और सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
अविनाश प्रसाद जैसे पत्रकारों ने इस घटना को पत्रकारिता पर हमला बताते हुए लिखा, “यह सेप्टिक टैंक सिर्फ एक इंसान की हत्या नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या का प्रतीक है।”
सड़क घोटालों और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वाले मुकेश चंद्राकर की मौत ने एक बार फिर बस्तर में पत्रकारों के कामकाज की चुनौतियों और खतरों को उजागर कर दिया है। अब देखना होगा कि प्रशासन इसे लेकर कितनी संवेदनशीलता दिखाता है।