चंद्रपुर जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है जिसने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। एक युवती के साथ ताडोबा वाइल्डलाइफ रिसॉर्ट में बलात्कार की वारदात सामने आई है। यह अपराध न सिर्फ निंदनीय है, बल्कि समाज की गिरती मानसिकता और महिलाओं की सुरक्षा पर भी गहरे सवाल खड़े करता है।
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काम के बहाने बुलाकर हैवानियत की साजिश
18 फरवरी 2025 को पीड़िता को मुख्तार शाह नामक व्यक्ति ने अपनी पत्नी के बहाने घर से बाहर बुलाया। उसने कहा कि उसकी पत्नी को पीड़िता से कुछ जरूरी बात करनी है। लेकिन योजना कुछ और ही थी। मुख्तार शाह पीड़िता को सीधे ताडोबा वाइल्डलाइफ रिसॉर्ट ले गया।
रिसॉर्ट के एक कमरे में पहुँचने के बाद मुख्तार शाह ने वेटर को दो कप कॉफी लाने को कहा। पीड़िता को दी गई कॉफी में नशीला पदार्थ मिला हुआ था। जैसे ही उसने कॉफी पी, उसकी तबीयत बिगड़ने लगी और वह बेहोश हो गई।
बेहोशी की हालत में किया गया शारीरिक शोषण
बेहोश होने के बाद मुख्तार शाह ने युवती का शारीरिक शोषण किया। जब पीड़िता को होश आया, तो उसने खुद को बेहद दयनीय और कमजोर हालत में पाया। मानसिक रूप से टूटी हुई युवती को तब और भी डराया गया जब दो अन्य आरोपी – नुरानी अहमद गुलाम नबी और उसका छोटा भाई मुख्तार गुलाम नबी – मौके पर पहुंचे।
धमकियों का सिलसिला और चुप्पी की मजबूरी
इन दोनों ने पीड़िता को धमकाया कि अगर उसने किसी को भी इस घटना के बारे में बताया, तो न केवल उसे, बल्कि उसके परिवार को भी जान से मार दिया जाएगा। डर के कारण पीड़िता काफी समय तक चुप रही। लेकिन जब धमकियाँ लगातार बढ़ती गईं और डर असहनीय हो गया, तो युवती ने आखिरकार साहस दिखाते हुए अपने माता-पिता को सब कुछ बता दिया।
पुलिस में मामला दर्ज, आरोपी फरार
परिजनों ने तुरंत रामनगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों – मुख्तार शाह, नुरानी अहमद गुलाम नबी और मुख्तार गुलाम नबी – के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, 2023 की धारा 64, 115(2), 351(4) और 3(5) के अंतर्गत गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है।
फिलहाल तीनों आरोपी फरार हैं और रामनगर पुलिस की टीम उन्हें पकड़ने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर कानून के हवाले किया जाएगा।
एक सवाल – कब होगी महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित?
यह घटना एक बार फिर हमें आईना दिखाती है कि देश में महिलाओं की सुरक्षा अब भी एक गंभीर मुद्दा है। जब समाज का एक वर्ग महिलाओं को इस हद तक चोट पहुँचा सकता है, तो ऐसे में कानून व्यवस्था, सामाजिक चेतना और त्वरित न्याय की ज़रूरत पहले से कहीं ज़्यादा महसूस होती है।
रामनगर पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि पीड़िता को हरसंभव सहायता और न्याय दिलाने की कोशिश की जा रही है। पर अब सबसे बड़ा सवाल यह है – क्या हम महिलाओं के लिए एक सुरक्षित समाज बना पाएंगे?