126 करोड़ की कोयला घोटाला : वरोरा की बीएस इस्पात कंपनी पर जालसाजी के संगीन आरोप
चंद्रपुर जिले के वरोरा स्थित बीएस इस्पात कंपनी के संचालकों पर अब तक 125 करोड़ की ठगी के संगीन आरोप सामने आए हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि पहला आपराधिक मामला 23 जुलाई 2025 को दर्ज होने के बावजूद आरोपी अभी तक गिरफ्त से बाहर हैं।
ताजा शिकायत और गंभीर आरोप
- ताज़ा शिकायत अर्माको इंफ्रालिक प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक शेखर लोहिया ने दर्ज कराई।
- आरोप है कि कंपनी के संचालक भवानी प्रसाद मिश्रा, आशीष पंडित, आदित्य मल्होत्रा और सागर कासंगोटटूवार ने कोयला आपूर्ति के नाम पर करोड़ों की ठगी की।
- लोहिया का कहना है कि 2021 में बीएस इस्पात के आशीष जैन ने उन्हें यवतमाल के मुकुटबन स्थित मार्की मांगली कोल ब्लॉक आवंटन का झांसा देकर निवेश के लिए राजी किया।
निवेश और धोखा
- लोहिया ने शुरुआती तौर पर 1 करोड़ रुपये निवेश किए और बदले में कुछ कोयला सप्लाई भी मिला।
- इसके बाद कंपनी के संचालकों ने माजरा और चिनोरा खदानों के कोल ब्लॉक मिलने का दावा करते हुए उनसे 54 करोड़ अग्रिम मांगे।
- लोहिया ने कुल मिलाकर 72.53 करोड़ रुपये जमा किए, लेकिन उन्हें मात्र 35.93 करोड़ का कोयला मिला।
- आरोप है कि कंपनी ने उनके साथ 36 करोड़ रुपये की जालसाजी की।
अन्य कंपनियां भी बनी शिकार
- विनायक ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन, नागपुर – 51 करोड़ की ठगी
- एलबी कुंजीर, पुणे – 20 करोड़ की ठगी
- अन्य कंपनियों से भी करोड़ों की रकम ऐंठी गई।
कुल जालसाजी की रकम 126 करोड़ रुपये के करीब पहुंच चुकी है।
पुलिस की कार्रवाई और अगली पड़ताल
वरोरा पुलिस ने ताजा शिकायत पर फिर से जालसाजी का मामला दर्ज किया है। आरोपी संचालकों के खिलाफ और कितनी शिकायतें दर्ज होती हैं तथा पुलिस की अगली कार्रवाई क्या होगी, इस पर सबकी निगाहें टिकी हैं।
यह मामला सिर्फ एक कंपनी या एक निवेशक तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे क्षेत्र में कोयला सप्लाई के नाम पर करोड़ों की संगठित ठगी का पर्दाफाश करता है। पुलिस की कार्यवाही में देरी और आरोपियों का गिरफ्त से बाहर होना सवाल खड़े कर रहा है।
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