आवंटित G-13 कोयले की जगह कथित रूप से भेजा जा रहा था उच्च गुणवत्ता का G-10 कोयला; वेकोलि, वॉशरी और ट्रांसपोर्टर की मिलीभगत का संदेह गहराया और जिले के अन्य कोलवॉशरीज भी रडार पर
वेकोलि (WCL) वणी क्षेत्र की निलजई खदान और घुग्घुस स्थित महामाया इन्फ्रा डेवलपर्स प्रा. लि. कोल वॉशरी में बुधवार को CBI और विजिलेंस की संयुक्त टीम द्वारा किए गए अचानक छापे ने पूरे कोयला क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। लगभग 12 अधिकारियों की विशेष टीम ने कोलवॉशरी, निलजई खदान, वेब्रिज और सब एरिया ऑफिस में व्यापक पूछताछ व दस्तावेज़ जब्ती की कार्रवाई की, जो गुरुवार देर शाम तक जारी रही।
सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई कोयले की बड़े पैमाने पर कथित हेराफेरी की शिकायतों के बाद की गई है।
मामला क्या है? — कोयले की गुणवत्ता में संदिग्ध ‘गेम’
रायचूर थर्मल पावर स्टेशन (KPCL), शक्ति नगर, कर्नाटक के लिए वेकोलि निलजई खदान से DO क्रमांक 1110013738 के तहत G-13 ग्रेड कोयला आवंटित किया गया था।
परिवहन की ज़िम्मेदारी घुग्घुस के वंदना ट्रांसपोर्ट को दी गई थी, जबकि प्रोसेसिंग का काम महामाया इन्फ्रा की वॉशरी को सौंपा गया।
लेकिन शिकायतों में दावा किया गया कि— आवंटन G-13 का, लेकिन भेजा जा रहा था उससे उच्च गुणवत्ता वाला G-10 कोयला!
कोयला ट्रकों की आवाजाही, वेब्रिज रिकॉर्ड और वॉशरी के स्टॉक में “गंभीर विसंगतियां” मिलने की सूचना है।
वेकोलि निलजई खदान + महामाया कोलवॉशरी + वंदना ट्रांसपोर्ट की मिलीभगत से कोयला ग्रेड बदलने का खेल चल रहा था।
उच्च गुणवत्ता के कोयले का अवैध विचलन न केवल सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि पावर प्लांट तक अपेक्षित गुणवत्ता का कोयला नहीं पहुंचने से बिजली उत्पादन भी प्रभावित होता है।
कार्रवाई कैसे हुई? – अंदर की कहानी
- सूत्रों के अनुसार, बुधवार सुबह CBI और विजिलेंस टीम अचानक निलजई खदान में दाखिल हुई
- वेब्रिज पर कार्यरत कर्मियों से लंबी पूछताछ, ट्रांसपोर्ट से जुड़े दस्तावेज़, गेट पास, सैंपलिंग रिकॉर्ड जब्त
- इसके बाद टीम ने घुग्घुस स्थित महामाया कोलवॉशरी और ट्रांसपोर्टर के कार्यालय में छापा मारा
- ट्रकों की GPS रूटिंग, कोयला ग्रेडिंग और स्टॉक की जांच
- गुरुवार शाम तक कोयले के सैंपल की गुणवत्ता जांच और रिकॉर्ड सत्यापन चलता रहा
टीम इस बात की जांच कर रही है कि आवंटित G-13 कोयले की जगह G-10 कोयले को वॉशरी में क्यों और कैसे लाया जा रहा था।
कोयला बाजार में हड़कंप — “यह तो बड़ा रैकेट लग रहा है”
छापेमारी की खबर फैलते ही वणी–घुग्घुस कोयला बाजार में चर्चाओं का बाजार गर्म है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया:
> “मामला सतही नहीं दिखता; यह संगठित स्तर पर ग्रेड–मैनिपुलेशन का मामला हो सकता है।”
यदि जांच में आरोप सही पाए जाते हैं, तो यह वेकोलि क्षेत्र का सबसे बड़ा कोयला गुणवत्ता घोटालों में से एक साबित हो सकता है।
घोटाले की परतें खुलना अभी बाकी
CBI और विजिलेंस की जांच जारी है।
वेकोलि, कोलवॉशरी और ट्रांसपोर्टर के बीच संभावित गठजोड़ और उच्च गुणवत्ता के कोयले की अवैध आपूर्ति की कहानी अभी और खुलासा ला सकती है।
पूरे क्षेत्र की निगाहें अब CBI की अगली रिपोर्ट पर टिकी हैं।
