Chandrapur Assembly चंद्रपुर में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता ब्रिजभूषण पाझारे ने टिकट न मिलने के कारण बगावत का झंडा थाम लिया है। उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपने नामांकन पत्र दाखिल किया है और पार्टी नेतृत्व की सभी कोशिशों के बावजूद इसे वापस लेने से मना कर दिया है। बीजेपी की महायुती के अधिकृत उम्मीदवार किशोर जोरगेवार को समर्थन देने के लिए पार्टी ने पाझारे से अपील की है, लेकिन पाझारे अपने फैसले पर अडिग दिखाई दे रहे हैं।
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बीजेपी पार्टी प्रमुखों ने पाझारे को नामांकन वापस लेने के लिए मनाने का हर संभव प्रयास किया है। राज्य के सांस्कृतिक कार्य और पालक मंत्री सुधीर मुनगंटीवार भी इस मामले में पाझारे से संपर्क साधने की कोशिश में लगे हुए हैं। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक, जब मंत्री मुनगंटीवार ने पाझारे को कॉल किया तो उनका फोन ‘नॉट रिचेबल’ पाया गया, जिससे पार्टी की परेशानी और बढ़ गई है।
इस घटनाक्रम ने चंद्रपुर में बीजेपी की रणनीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पार्टी को एकजुट रखने और महायुती उम्मीदवार किशोर जोरगेवार को मजबूत समर्थन देने की कोशिश की जा रही है। लेकिन पाझारे की नाराजगी बीजेपी के चुनावी गणित पर असर डाल सकती है। नामांकन वापस लेने की समयसीमा तक उनकी स्थिति पर सभी की निगाहें टिकी हैं।
पाझारे की इस बगावत को बीजेपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, खासकर तब जब पार्टी विधानसभा चुनाव में हर सीट पर कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना कर रही है।