चंद्रपुर भाजपा (BJP) में गुटबाजी की राजनीति फिर एक बार शुरू हो गयी है। चिमूर के भाजपा विधायक बंटी भांगड़िया के जन्मदिन 19 जुलाई के अवसर पर उनके समर्थकों एवं कार्यकर्ताओं ने विशेष तौर पर चंद्रपुर शहर, घुग्घुस और बल्लारपुर विधानसभा क्षेत्रों में जन्मदिन की शुभकामनाओं वाले अनेक होर्डिंग्स लगाए। इन होर्डिंग्स में वरिष्ठ बीजेपी नेता और जिले के पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार को बाहर रखा गया है। जबकि पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के वर्तमान अध्यक्ष हंसराज अहीर के तस्वीर को जगह दी गई है। राजनीतिक हलकों में यह चर्चा हो रही है कि मुनगंटीवार के विरोधियों ने बंटी भांगड़िया के जन्मदिन अवसर का उपयोग लेकर, मंत्री मुनगंटीवार को नजरअंदाज करने का प्रयास शुरू कर दिया है।
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हैरत की बात यह है कि होर्डिंग्स लगाने वाले शुभेच्छुकों की सूची में प्रकाश देवतले की तस्वीर है, जिन्होंने लोकसभा चुनावों के पूर्व मंत्री मुनगंटीवार के सानिध्य में भाजपा में प्रवेश किया था। वहीं सुभाष कासनगोट्टूवार की भी तस्वीर शुभेच्छुकों में है, जो बरसों से मुनगंटीवार के विश्वासू रहे हैं। साथ ही डॉ. अशोक जिवतोडे की भी तस्वीर शुभेच्छुकों में हैं, जो ओबीसी आंदोलन के साथ भाजपा को आगे बढ़ाते रहे हैं। घुग्घुस में लगे होर्डिंग्स में तो देवराव भोंगले तथा विवेक बोडे की तस्वीरें भी नदारद हैं। इसके चलते होर्डिंग्स की राजनीति चर्चा का विषय बनी हुई है।
ज्ञात हो कि मंत्री मुनगंटीवार गत लोकसभा चुनाव में 2 लाख 60 हजार वोटों के अंतर से हारे थे। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री अहीर को पराजित होना पड़ा था। अहीर अक्सर आरोप लगाते रहे हैं कि पार्टी के अंदर मौजूद विरोधियों ने घात किया, जिसके कारण वे हारे हैं। हालांकि, उन्होंने कभी मुनगंटीवार का नाम नहीं लिया। लेकिन अहीर समर्थक अक्सर सार्वजनिक रूप से दावा करते हैं कि अहीर की हार के लिए मुनगंटीवार जिम्मेदार थे। तभी से अहीर और मुनगंटीवार के बीच अनबन चल रही है।
राज्य की राजनीति में मुनगंटीवार के बढ़ते वजन को देखते हुए उनके पंख कतरने की कोशिशें शुरू हो गईं। उसी के तहत मुनगंटीवार को लोकसभा चुनाव के मैदान में लाया गया। मुनगंटीवार के समर्थकों का कहना है कि इसके पीछे उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस का हाथ है। विधायक भांगड़िया फड़णवीस के समर्थक हैं। वहीं मुनगंटीवार और भांगड़िया के बीच सब सही नहीं है।
बीजेपी में चर्चा थी कि अगर मुनगंटीवार लोकसभा में जीत जाते तो शायद चंद्रपुर जिले के पालकमंत्री पद की जिम्मेदारी भांगड़िया को मिलती। लेकिन मतदाताओं ने मुनगंटीवार को राज्य में बनाए रखा। बीजेपी में अहीर, भांगड़िया बनाम मुनगंटीवार का बंटवारा हो गया है। अब भांगड़िया चिमूर के अलावा जिले की राजनीति में सक्रिय होने के इच्छुक हैं। इसी पृष्ठभूमि में उन्होंने हर विधानसभा क्षेत्र में अपने समर्थक भी तैयार कर लिये हैं। इन्हीं समर्थकों ने अब विधायक भांगड़िया के जन्मदिन के मौके का इस्तेमाल कर मुनगंटीवार को नजरअंदाज करने प्रयास शुरू कर दिया है।
जिले के पालकमंत्री होने के बावजूद उन्हें भांगड़िया के होर्डिंग्स में मुनगंटीवार को जगह नहीं दी गई। वहीं राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर को जगह दी गई है। इससे पहले मुनगंटीवार के चंद्रपुर शहर, घुग्घुस और बल्लारपुर विधानसभा क्षेत्रों में इतनी बड़ी संख्या में भांगड़िया के समर्थन में हॉर्डिंग्स नहीं लगाए गए थे। लेकिन इस बार भांगड़िया समर्थकों ने उनके जन्मदिन का ढोल खूब जोर-शोर से बजाया है।
बीजेपी में भी अब खुलेआम गुटबाजी की राजनीति होती नजर आ रही है। बीजेपी में आंतरिक विवाद सामने नहीं आ रहे थे। इसके उलट कांग्रेस में ऐसा कई बार हो चुका है। यहां तक कि कुछ कांग्रेस कार्यकर्ता राज्य के विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार को अपने होर्डिंग्स में जगह नहीं देते हैं। अब यही तरीका बीजेपी में भी शुरू हो गया है। बहरहाल वर्तमान में लगे भांगडिया के जन्मदिन के होर्डिंग्स जनता में चर्चा का विषय बने हुए हैं।