शहरी नेतृत्व की जंग तेज: “नए नेतृत्व की ज़रूरत” के नारे संग कांग्रेस ने शुरू किया सीधा चुनावी अभियान; 24 अक्टूबर से आवेदन वितरण
चंद्रपुर। स्थानीय स्वराज संस्थाओं के संभावित चुनाव की घोषणा की सुगबुगाहट के बीच, चंद्रपुर शहर की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हैं, लेकिन इस चुनावी दौड़ में चंद्रपुर शहर कांग्रेस कमेटी सबसे आगे निकल गई है। कांग्रेस ने सीधे तौर पर चुनावी अभियान का श्रीगणेश करते हुए नगर निगम चुनाव के लिए उम्मीदवार बनने के इच्छुक कार्यकर्ताओं से आवेदन पत्र मांग लिए हैं।
कांग्रेस का चुनावी खाका तैयार: पार्टी सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस ने चुनाव की औपचारिक घोषणा से पहले ही अपनी पूरी प्रक्रिया को गति दे दी है। 24 अक्टूबर से आवेदन पत्रों का वितरण शुरू होगा। कार्यकर्ता अपने आवेदन पत्र 1 नवंबर से 10 नवंबर के बीच गिरनार चौक स्थित तिवारी भवन में कांग्रेस शहर जिला कार्यालय में जमा कर सकते हैं। इसके बाद, पार्टी का वरिष्ठ नेतृत्व आवेदकों के साक्षात्कार की प्रक्रिया आयोजित करेगा, जिसके आधार पर उम्मीदवारों का अंतिम चयन किया जाएगा।
भाजपा की कलह पर कांग्रेस की नज़र: कांग्रेस की यह तेज शुरुआत चंद्रपुर शहर भाजपा में चल रही अंदरूनी खींचतान और गुटबाज़ी के खुले प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में हुई है। कुछ वरिष्ठ नेताओं के बीच जारी तनातनी ने पार्टी की चुनावी तैयारियों को प्रभावित किया है। कांग्रेस ने स्पष्ट रणनीति बनाई है कि वह भाजपा की इसी आंतरिक कमजोरी का लाभ उठाएगी।
पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को चंद्रपुर में मिला उल्लेखनीय जनसमर्थन पार्टी के लिए एक मजबूत आधार है। इसी आधार पर, कांग्रेस इस बार नगर निगम में मज़बूत वापसी की तैयारी कर रही है।
उम्मीदवार चयन में अनुभव और निष्ठा को प्राथमिकता: कांग्रेस ने उम्मीदवार चयन के मानदंडों को स्पष्ट कर दिया है। नगरसेवक के रूप में पिछला अनुभव, पार्टी के प्रति अटूट निष्ठा, और स्थानीय सामाजिक कार्यों में सक्रिय भागीदारी को प्राथमिकता दी जाएगी। इस रुख से यह संकेत मिलता है कि पार्टी अपने पुराने, सक्रिय और जमीनी जनाधार वाले कार्यकर्ताओं को चुनाव में मौका देने की इच्छुक है।
अधूरे विकास कार्यों पर कांग्रेस का फोकस: कांग्रेस नेताओं ने भाजपा शासित नगर निगम पर अधूरे विकास कार्य, सड़कों की जर्जर हालत और पेयजल समस्या को लेकर जनता की नाराजगी को भुनाने की रणनीति बनाई है। “चंद्रपुर को नए नेतृत्व की ज़रूरत है,” का नारा देते हुए कांग्रेस इस जनभावना को सीधे चुनावी मुद्दे के रूप में सामने लाने की तैयारी में है। पार्टी का मानना है कि भाजपा शासन से जनता की नाराज़गी उन्हें चुनावी लाभ दिला सकती है।
बहुकोणीय मुकाबले के आसार: इन घटनाक्रमों ने चंद्रपुर मनपा के चुनावी मैदान को बेहद दिलचस्प बना दिया है। भाजपा की अंदरूनी कलह, शिवसेना (शिंदे और उद्धव गुट) दोनों की आगामी चुनावी भूमिका, और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) व राष्ट्रवादी कांग्रेस (अजित पवार गुट) की रणनीतियाँ, साथ ही वंचित बहुजन आघाड़ी की संभावित भागीदारी—ये सभी कारक चंद्रपुर महानगरपालिका के चुनावी समीकरणों पर सीधा असर डाल सकते हैं।
कांग्रेस के प्रत्यक्ष अभियान से स्पष्ट है कि मुकाबला बहुकोणीय और बेहद कड़ा होने वाला है। राजनीतिक प्रेक्षक मान रहे हैं कि अगले कुछ हफ़्तों में चंद्रपुर की चुनावी सरगर्मी अपने चरम पर पहुंच जाएगी।
