आरोपी ने 50 लाख का कर्ज लेकर नकली दस्तावेज के सहारे बैंक को ठगा
चंद्रपुर जिले की एक सहकारी बैंक से 50 लाख का कर्ज लेकर उसकी गारंटी में रखी गई जमीन और संपत्ति को गुपचुप तरीके से बेचकर बैंक के साथ 39 लाख 50 हजार रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। इस प्रकरण में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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बैंक के प्रबंधक योगेश रमेश कातोरे (35 वर्ष, निवासी वरोरा, चंद्रपुर) की शिकायत पर पुलिस ने यह मामला दर्ज किया। पुलिस ने बताया कि आरोपी का नाम उत्तम यशवंतराव बोरकर (40 वर्ष, निवासी तुलसीबाग, महाल) है।
50 लाख के कर्ज के बदले रखी जमीन की नकली बिक्री
पुलिस के अनुसार, यह मामला आनंद नगरी सहकारी बैंक की सोनेगांव शाखा से जुड़ा है। 2016 में उत्तम बोरकर ने “ओम भवानी कंस्ट्रक्शन” नाम से बैंक में ओवरड्राफ्ट खाता खोल रखा था। 8 अप्रैल 2016 को उन्होंने बैंक से 50 लाख के कर्ज के लिए आवेदन किया। इसके लिए उन्होंने नागपुर के महाल इलाके में स्थित “साई अपार्टमेंट” की फ्लैट योजना और भापकर वाड़ा क्षेत्र की जमीन को गारंटी के रूप में रखा।
बैंक ने दस्तावेजों की जांच करने के बाद 50 लाख का कर्ज स्वीकृत किया। शुरुआती दौर में बोरकर ने 10 लाख रुपये ब्याज के रूप में जमा किए। लेकिन इसके बाद उन्होंने कर्ज की किश्तें चुकाना बंद कर दिया।
नीलामी प्रक्रिया में सामने आया घोटाला
कर्ज की किश्तों का भुगतान न करने पर बैंक ने गारंटी के तौर पर रखी संपत्ति को नीलाम करने की प्रक्रिया शुरू की। इसी दौरान यह खुलासा हुआ कि बोरकर ने इस संपत्ति के नकली दस्तावेज तैयार कर कई लोगों को बेच दिया था। इस धोखाधड़ी का पता चलते ही बैंक के प्रबंधकों ने सोनेगांव पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने दर्ज किया मामला
पुलिस ने त्वरित जांच के बाद बोरकर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) समेत अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। इस घोटाले के सिलसिले में आरोपी की गतिविधियों की बारीकी से जांच की जा रही है।
पुलिस अधिकारी ने कहा, “आरोपी ने पहले से गारंटी में रखी जमीन को न केवल बेचने की कोशिश की, बल्कि नकली दस्तावेजों के जरिए कई लोगों से पैसे ऐंठे। बैंक के अधिकारियों की सतर्कता से यह घोटाला उजागर हो सका। मामले की जांच जारी है।”
यह प्रकरण सहकारी बैंकों के वित्तीय संचालन और गारंटी दस्तावेजों की सत्यता की जांच को लेकर सावधानी की आवश्यकता को रेखांकित करता है।