आरक्षण बचाव समिति के आंदोलन के बाद सरकार ने लिया संज्ञान, विभागीय सहनिबंधक ने दिए सख्त निर्देश
Chandrapur (CDCC) Bank Recruitment Scam : चंद्रपुर जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक में लिपिक और चपरासी पदों पर हुई विवादित भर्ती प्रक्रिया की गहन जांच के आदेश दिए गए हैं। नागपुर के विभागीय सहनिबंधक (सहकारी संस्था) प्रवीण वानखेडे ने चंद्रपुर के जिला उपनिबंधक (सहकारी संस्था) को निर्देश दिया है कि वे भर्ती प्रक्रिया की बिंदुवार जांच करें और स्पष्ट रिपोर्ट सात दिनों के भीतर सौंपें। यह कार्रवाई आरक्षण बचाव कृती समिति के आमरण अनशन और आंदोलन के बाद हुई है।
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शुरू से ही विवादों में रही भर्ती प्रक्रिया
चंद्रपुर जिला सहकारी बैंक की भर्ती प्रक्रिया शुरुआत से ही विवादों में घिरी रही। पहले आईटीआई कंपनी को परीक्षा आयोजित करने की जिम्मेदारी दी गई, फिर तकनीकी खामियों के चलते चपरासी पद की परीक्षा रद्द करनी पड़ी। इसके बाद नागपुर के रायसोनी परीक्षा केंद्र में लिपिक पद की परीक्षा के दौरान अव्यवस्थाएं सामने आईं।
सबसे बड़ा विवाद एससी, एसटी और महिला आरक्षण की अनदेखी को लेकर हुआ, जिसके विरोध में आरक्षण बचाव कृती समिति के मनोज पोतराजे ने 16 दिनों तक आमरण अनशन किया। उनकी मांग थी कि भर्ती में आरक्षण लागू किया जाए और प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए।
नेताओं के हस्तक्षेप के बाद मिला आश्वासन
मनोज पोतराजे के आमरण अनशन के दौरान पूर्व पालकमंत्री एवं विधायक सुधीर मुनगंटीवार, वर्तमान पालकमंत्री डॉ. अशोक उईके ने अनशन स्थल पर पहुंचकर जांच का आश्वासन दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी मुंबई से फोन पर संपर्क कर जांच का आदेश देने की बात कही। आश्वासन मिलने के बाद पोतराजे ने अनशन समाप्त किया, जिसके तुरंत बाद सरकार ने जांच का पत्र जारी किया।
अब 7 दिन में देनी होगी रिपोर्ट
अब यह जांच पत्र चंद्रपुर पहुंच गया है। विभागीय सहनिबंधक ने निर्देश दिए हैं कि सभी आरोपों और शिकायतों की विस्तृत जांच कर स्पष्ट रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। जांच अधिकारी को बैंक के सीईओ से आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने और पूरा सहयोग देने को कहा गया है।
भर्ती घोटाले के साथ वित्तीय अनियमितताओं की भी होगी जांच
तकरीबन 2023-24 में ‘नाबार्ड’ ने भी बैंक के वित्तीय प्रबंधन पर सवाल उठाए थे। इसमें अनावश्यक खर्च, दैनिक मजदूरी, मानदेय, कंप्यूटरीकरण, शाखा किराया और कर्मचारी भर्ती में अनियमितता की बात सामने आई थी। इसके चलते जांच में केवल भर्ती प्रक्रिया ही नहीं बल्कि बैंक की वित्तीय स्थिति को लेकर भी छानबीन होगी।
इस भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं को उजागर करने के लिए मनोज पोतराजे, जी.के. उपरे, महेंद्र खंडाले, आबिद अली, राजू कुकडे और सूर्या अडबाले ने भी विभागीय सहनिबंधक, नागपुर को शिकायतें सौंपी थीं। अब देखना होगा कि जांच के नतीजे क्या सामने आते हैं और क्या इस विवादित भर्ती प्रक्रिया में कोई सख्त कार्रवाई होगी या नहीं।