वन विभाग की छापेमारी में सिकंजे, जाल बरामद, शिकार की साजिश नाकाम
Chandrapur Forest Department has busted a major tiger poaching gang: चंद्रपुर – वन्यजीवों के अवैध शिकार पर शिकंजा कसते हुए वन विभाग ने ताड़ोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व (TATR) के पास स्थित मूल शहर में छापेमारी कर 5 महिलाओं समेत 9 संदिग्ध शिकारी पकड़े हैं। ये सभी आरोपी अकोला और अमरावती जिलों के निवासी बताए जा रहे हैं। उनके कब्जे से शिकार में इस्तेमाल किए जाने वाले जाल, सिकंजे और अन्य संदिग्ध सामान बरामद हुआ है।
वन विभाग की कड़ी निगरानी से उजागर हुआ गिरोह
चिचपल्ली और मूल (बफर) वन क्षेत्र के वनरक्षक पिछले कुछ दिनों से पारधी समुदाय के कुछ संदिग्धों पर नजर रख रहे थे। इस बीच सूचना मिली कि मूल शहर के बस स्टैंड के पीछे कुछ लोग अवैध शिकार की साजिश रच रहे हैं।
इस आधार पर चिचपल्ली वन रेंज अधिकारी प्रियंका येलमे और मूल (बफर) वन रेंज अधिकारी राहुल कारेकर के नेतृत्व में वन विभाग की संयुक्त टीम ने ताड़ोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व के विशेष बाघ संरक्षण दल (टीएटीआर) और संजीवनी पोषण संस्था के उमेश जीरे की सहायता से छापेमारी की।
महिला शिकारी के पास से बरामद हुए शिकार के उपकरण
कार्रवाई के दौरान टीम ने एक महिला के पास से तीन फुट लंबा जाल, दो छोटे और एक बड़ा शिकारी सिकंजा और तार से बने जाल बरामद किए। इनका उपयोग जंगली जानवरों, खासकर बाघ, हिरण और अन्य वन्यजीवों के शिकार के लिए किया जाता था।
‘फाइबर क्रॉकरी’ की आड़ में चल रहा था अवैध धंधा
पकड़े गए आरोपी खुद को फाइबर क्रॉकरी विक्रेता बता रहे थे, लेकिन जांच में खुलासा हुआ कि वे शिकार के लिए इलाके की रेकी भी कर रहे थे।
वन्यजीव संरक्षण के लिए सख्त कार्रवाई की तैयारी
वन विभाग अब इस गिरोह के अन्य साथियों की तलाश कर रहा है और जांच जारी है। ताड़ोबा टाइगर रिजर्व के आसपास वन्यजीव संरक्षण को लेकर अधिकारियों ने सतर्कता बढ़ा दी है। इस कार्रवाई को वन्यजीव संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण सफलता माना जा रहा है।
