चंद्रपुर जिले के गोंडपिपरी तालुक़े में स्थित फूरडी हेटी से भंगाराम तळोधी जाने वाला मुख्य मार्ग विकास कार्यों की हकीकत और भ्रष्टाचार का ज्वलंत उदाहरण बन चुका है। बरसात के पहले झटके में ही यह सड़क जगह-जगह धंसकर खड्डों का महासागर बन गई है। स्थिति इतनी भयावह है कि ग्रामीणों के अनुसार अब सड़क को पहचानना मुश्किल और गड्डों को गिनना आसान हो गया है।
स्थानीय नागरिक व्यंग्य में कहते हैं – “यह सड़क अब मानो नक्शा बन गई है, जिसमें खड्डे ही खड्डे दिखते हैं।” .
जान जोखिम में डालकर सफर
- इस मार्ग से रोजाना स्कूली बच्चे, शेतकरी (किसान), मरीज और आम नागरिक गुजरते हैं।
- बारिश के पानी से भरे गहरे गड्डों में किसी भी पल वाहन पलटने या गंभीर हादसा होने की आशंका बनी रहती है। लोगों का कहना है कि सड़क पर चलना अब “जीव मुठ्ठी में लेकर चलने जैसा” हो गया है।
- प्रशासन और जनप्रतिनिधि गहरी नींद में
- ग्रामवासियों का आरोप है कि जहां पूरा महाराष्ट्र गणेशोत्सव के उल्लास में डूबा है, वहीं उनके गांव की दुर्दशा देखकर लगता है कि प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधि आंख मूंदकर बैठे हैं।
ग्रामस्थ सवाल कर रहे हैं:
- “अगर किसी की मौत सड़क हादसे में हो गई तो जिम्मेदार कौन होगा?”
- “करोड़ों के फंड का इस्तेमाल आखिर कहां हो रहा है?”
- “क्या ग्रामीणों की सुरक्षा की कोई कीमत नहीं?”
रोष और चेतावनी
ग्रामस्थों में गुस्सा उबाल पर है। उनका कहना है कि यह सड़क “गांव तक पहुंचना नहीं, बल्कि मौत से खेलने जैसा है।” ग्रामीणों ने प्रशासन को अंतिम चेतावनी दी है कि अगर तुरंत मरम्मत का काम शुरू नहीं किया गया, तो वे विद्यार्थियों और नागरिकों के साथ मिलकर उग्र आंदोलन करेंगे।
यह मामला केवल एक गांव की समस्या नहीं, बल्कि ग्रामीण विकास योजनाओं में हो रहे भ्रष्टाचार और निष्क्रिय प्रशासन की पोल खोलता है।
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