चिलचिलाती गर्मी ने ताडोबा अभयारण्य के पर्यटन पर भारी असर डाला है। बाघों और वन्यजीवों के लिए विश्वप्रसिद्ध इस जंगल में इन दिनों पर्यटकों की संख्या तेजी से घटी है। चंद्रपुर जिले में पड़ रही भीषण गर्मी और यहां के तापमान के देश में सबसे ज्यादा होने की खबरों ने पर्यटकों को डरा दिया है।
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गर्मी से डरकर पर्यटकों ने कैंसिल की बुकिंग
सूत्रों के अनुसार, ताडोबा में अप्रैल के अंतिम सप्ताह और मई के पहले सप्ताह के लिए ऑनलाइन बुकिंग कर चुके कई पर्यटक अब अपनी यात्रा रद्द कर रहे हैं। जो पर्यटक पहले से ही ताडोबा पहुंच चुके हैं, वे भी खुली जीप में जंगल सफारी करने के बजाय होटल या रिसॉर्ट्स में ही समय बिता रहे हैं। आमतौर पर गर्मियों में स्कूलों की छुट्टियों के कारण ताडोबा की बुकिंग पूरी भरी होती है, लेकिन इस बार अप्रैल-मई के लिए कई गेट्स पर सफारी स्लॉट खाली मिल रहे हैं।
“45°C तापमान में 5 घंटे की सफारी चुनौतीपूर्ण”
ताडोबा में जंगल सफारी के लिए पर्यटकों को खुली जीप में 5 घंटे से अधिक समय बिताना पड़ता है। लेकिन 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुके तापमान में यह सफारी पर्यटकों के लिए एक चुनौती बन गई है। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर शिकायत की है कि इतनी तेज धूप में जंगल का दौरा करना मुश्किल हो रहा है।
मोहूर्ली और कोलारा गेट पर भी कम हुई भीड़
ताडोबा में सबसे लोकप्रिय मोहूर्ली गेट से रोजाना सुबह-शाम 32 वाहनों को प्रवेश दिया जाता है, लेकिन अब यहां भी बुकिंग उपलब्ध है। इसी तरह, नागपुर से आने वाले पर्यटकों की पसंद कोलारा गेट पर भी सामान्य कोटे में केवल 12 और तत्काल कोटे में 6 वाहनों को ही एंट्री मिलती है, लेकिन अब यहां भी भीड़ नहीं है।
क्या है वन विभाग का रुख?
वन अधिकारियों का कहना है कि गर्मी के कारण पर्यटकों की संख्या में गिरावट अस्थायी है। उन्होंने सलाह दी है कि पर्यटक सुबह के समय सफारी का आनंद लें, जब तापमान कम होता है। साथ ही, होटल और रिसॉर्ट्स ने भी एसी वाहनों की सुविधा बढ़ाने पर विचार किया है।
ताडोबा जैसे प्रसिद्ध वन्यजीव अभयारण्य में गर्मी का यह असर चिंताजनक है। अगर जल्द ही तापमान नहीं घटा, तो पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान हो सकता है। क्या आप भी इस मौसम में ताडोबा जाने की योजना बना रहे हैं?