चंद्रपुर जिले के लक्कड़कोट RTO चेकपोस्ट पर फरवरी 2025 में हुई रिश्वतखोरी की घटना ने न केवल प्रादेशिक परिवहन विभाग की साख को दागदार किया, बल्कि इसके बाद जो घटनाएं सामने आईं, उन्होंने प्रशासन और लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। अब एक ताजा मामले में एक पत्रकार और आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष पर अपराध दर्ज होने के कारण अनेक सवाल उठने लगे हैं।
खराब है RTO विभाग का ट्रैक रेकॉर्ड
गत फरवरी 2025 में लक्कड़कोट चेकपोस्ट पर सहायक मोटर वाहन निरीक्षक शिवाजी विभुते और निजी कर्मचारी जगदीश डफड़े को भ्रष्टाचार विरोधी विभाग (ACB) ने ₹ 500 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा था। यह पैसा ट्रक ड्राइवर से तब लिया गया, जबकि उसके सभी दस्तावेज और वजन प्रमाण सही थे। चेकपोस्ट पर यह सामान्य चलन बन चुका है कि ड्राइवरों से अवैध तरीके से पैसे वसूले जाते हैं, जिससे मालवाहन में देरी और दुर्घटना का खतरा बना रहता है। यह चेकपोस्ट तेलंगाना, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के वाहनों का महत्वपूर्ण मार्ग है।
मीडिया और जनप्रतिनिधियों को डराने की रणनीति
भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को चुप कराने के लिए अब RTO विभाग ने एक नई नीति अपनाई है। हाल ही में आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष मयूर राईकवार और पत्रकार अर्जुन सिंह उर्फ सन्नी धुन्ना को लेकर एक विवाद खड़ा हुआ। लक्कड़कोट चेकपोस्ट पर इन दोनों ने जब RTO की गतिविधियों को उजागर करना चाहा, तो विभाग ने उल्टा उनके खिलाफ रंगदारी की शिकायत दर्ज करा दी। मोटर वाहन निरीक्षक योगिता राणे की शिकायत पर विरुर पुलिस थाने में FIR दर्ज कराई गई। आरोप है कि मयूर राईकवार और सन्नी धुन्ना फर्जी पत्रकार बनकर ट्रक चालकों से वसूली कर रहे थे। शिकायत के अनुसार, पूछताछ पर दोनों ने अधिकारी से बदतमीजी की, पहचान पत्र दिखाने से मना किया और महिला अधिकारी को अश्लील भाषा में अपमानित किया। पुलिस ने इस मामले में फिरौती और सरकारी काम में बाधा की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया।
सवालों के घेरे में RTO की कार्यप्रणाली
यह विडंबना ही है कि जो लोग विभागीय भ्रष्टाचार उजागर करने आए, उन पर ही गंभीर आरोप लगा दिए गए। यह स्पष्ट है कि RTO विभाग अब अपनी करतूतें छिपाने के लिए पुलिस तंत्र और राजनीतिक संपर्कों का इस्तेमाल करने लगा है। मीडिया के कैमरे और नेताओं से डरने के बजाय अब यह विभाग झूठे मामले दर्ज करवाने की नीति अपना चुका है।
वीडियो में दर्ज RTO निरीक्षक का बयान
‘नहीं, काम में दखल नहीं डाला आपने’ – मोटर वाहन निरीक्षक योगिता राणे का यह बयान कथित वारदात के समय कैमरे में कैद किया गया। आप पार्टी के जिलाध्यक्ष मयूर राइकवार ने इसका वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। इस वीडियो में राणे की ओर से पत्रकार धुन्ना और नेता राइकवार से उनका आईडी मांगते हुए और जांच-पडताल करते हुए देखी गई। बहरहाल आज मीडिया में इस मामले को लेकर फिरौती मांगने के आरोप में अपराध दर्ज, शिर्षक वाली खबरें प्रकाशित हुई। इसके बाद आप पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने जिला पुलिस अधीक्षक से भेंट की। इस दौरान पुलिस प्रशासन ने अपनी गलती मानते हुए फिरौती की धाराएं नहीं होने के बावजूद पुलिस प्रेस नोट में गई गलती को सुधार करने का भरोसा दिलाया। प्रतिनिधिमंडल की ओर से इस कथित वारदात की संपूर्ण जानकारी एसपी को दी गई। साथ ही बेवजह ढाई घंटे तक वाहन रोकने, विवाद करने और झूठी शिकायत दर्ज करवाने के RTO कर्मचारियों की करतूत पर ऐतराज जताते हुए उपयुक्त कदम उठाने के लिए ज्ञापन सौंपा गया।
जनता को पुलिस की चेतावनी और अपील
बीते तीन दिनों में ऐसी दो घटनाएं सामने आईं, जहां नकली पत्रकार और पुलिस बनकर ट्रक चालकों से वसूली की गई। पुलिस प्रशासन ने ट्रक मालिकों और ड्राइवरों से अपील की है कि किसी भी अनधिकृत व्यक्ति के दबाव में न आएं और ऐसी घटनाओं की तुरंत सूचना 112 नंबर या नजदीकी पुलिस स्टेशन में दें।
