चंद्रपुर जिले में दारूबंदी हटने के बाद से नए शराब दुकानों के वितरण और पुराने दुकानों के स्थानांतरण में भारी अनियमितताओं का भंडाफोड़ हुआ है। इस पूरे घोटाले की गंभीरता को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन कर दिया है। जनविकास सेना के संस्थापक अध्यक्ष पप्पू देशमुख ने 8 अप्रैल को 177 पन्नों के दस्तावेज़ों के साथ SIT को औपचारिक शिकायत दर्ज कराकर इस घोटाले की परतें खोल दी हैं।
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बिना अनुमति और अवैध निर्माणों में दी गई मंजूरी!
शराब दुकान की मंजूरी से पहले यह सुनिश्चित किया जाना जरूरी होता है कि जिस भवन में दुकान खुल रही है, वह वैध और अधिकृत हो। साथ ही, स्थानीय स्वराज संस्था के सक्षम अधिकारी द्वारा मौके का मुआयना कर उसकी रिपोर्ट उत्पाद शुल्क विभाग को देनी चाहिए। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि चंद्रपुर महानगरपालिका क्षेत्र की एक भी शराब दुकान के लिए ऐसा कोई निरीक्षण या रिपोर्ट नहीं ली गई।
देशमुख के अनुसार, उन्होंने पहले भी इस विषय में महानगरपालिका के तत्कालीन आयुक्त को पत्र लिखा था, और कुछ शराब दुकानों जैसे नागपुर रोड की देशी दारू दुकान और दाताळा रोड की देशी दारू दुकान के मंजूरी दस्तावेज़ SIT को सौंपे हैं।
झूठे नक्शे और झूठे रिपोर्ट से खुलवाई गई दुकानें
एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है – जैन मंदिर के पास स्थित केबी बियर शॉपी मंदिर से मात्र 30 मीटर की दूरी पर है, लेकिन तालुका भू अभिलेख कार्यालय ने इसे 50 मीटर की दूरी दिखाकर रिपोर्ट दे दी। रघुवंशी कॉम्प्लेक्स की दोनों ओर स्कूल होने के बावजूद पुलिस विभाग ने गलत रिपोर्ट देकर वहां भी दुकान खोलने की इजाजत दी।
18 से 20 करोड़ का घोटाला, कई विभागों पर गंभीर आरोप!
पप्पू देशमुख ने 5 जुलाई 2022 को एक विस्तृत शिकायत लाचलुचपत प्रतिबंधक विभाग को दी थी, जिसमें 18-20 करोड़ रुपए की लेन-देन का खुलासा किया गया था। इस घोटाले में राज्य उत्पादन शुल्क विभाग, महसूल विभाग और पुलिस विभाग के कई अधिकारी व कर्मचारी शामिल होने का आरोप है। इस शिकायत के बाद 10 नवंबर 2022 को देशमुख का बयान दर्ज कर एक रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को भेज दी गई थी।
वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंची शिकायतें, लेकिन कार्रवाई शून्य!
जनविकास सेना ने मार्च 2023 में तत्कालीन उत्पाद शुल्क मंत्री शंभूराजे देसाई, प्रधान सचिव मिलिंद म्हैसकर और आयुक्त विजय सूर्यवंशी को भी लिखित शिकायत दी थी। इसमें कई विवादित दुकानों जैसे महालक्ष्मी टावर (नागपुर रोड), प्रवीण जुमडे की इमारत (दाताळा रोड), श्रीकृष्ण टॉकीज के पास का कॉम्प्लेक्स, नागवी स्थित वैभव पिसे का घर, जैन मंदिर के पास की बियर शॉपी, और रघुवंशी कॉम्प्लेक्स का परमिट रूम शामिल हैं।
शिकायत की कोई समयसीमा नहीं, नागरिक आगे आएं!
SIT टीम 7 और 8 अप्रैल को चंद्रपुर आई थी जिससे जनता में यह भ्रम फैला कि केवल उन्हीं दो दिनों में शिकायत की जा सकती है। इस पर पप्पू देशमुख ने SIT प्रमुख संदीप दिवाण से चर्चा की, जिन्होंने स्पष्ट किया कि चंद्रपुर कार्यालय के माध्यम से नागरिक कभी भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। देशमुख ने पत्रकार परिषद में अपील की कि जिन लोगों को गलत स्थानों पर शराब दुकानों की मंजूरी को लेकर आपत्ति है, वे पुरावों के साथ बड़ी संख्या में शिकायत करें। इस दौरान उनके साथ जनविकास सेना के कार्यकर्ता इमदाद शेख, अक्षय येरगुडे, मनीषा बोबडे, प्रफुल बैरम, सुभाष पाचभाई, अमुल रामटेके, देवराव हटवार और सतीश घोडमारे उपस्थित थे।
दारूबंदी हटाने के नाम पर चंद्रपुर में एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हो रहा है। क्या SIT की जांच इस गोरखधंधे की सच्चाई उजागर कर पाएगी? क्या दोषियों पर कार्रवाई होगी? या यह भी एक और जांच बनकर रह जाएगी? जवाब भविष्य के गर्भ में है, लेकिन जनता की जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार बन सकती है।