गत 26 मार्च को भाजपा के वरिष्ठ नेता व प्रदेश के वनमंत्री तथा जिले के पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने आशीर्वाद यात्रा के माध्यम से अपना शक्तिप्रदर्शन दिखाया। हजारों लोगों की भीड़ की मौजूदगी में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, पूर्व सांसद हंसराज अहीर, सांसद रामदास तडस तथा अनेक विधायकों की उपस्थिति में चुनावी लड़ाई का शंखनाद किया। भाजपा के इस शक्ति प्रदर्शन को देखकर समूचा शहर प्रभावित हुअा। लेकिन 27 मार्च को कांग्रेस की विधायक प्रतिभा धानोरकर ने भाजपा के दंभ को तोड़ दिया। दादमहल के कोहीनूर तालाब से न्यू इंग्लिश मैदान तक निकली विशाल रैली में जनसैलाब उमड़ पड़ा। दूर-दराज की महिलाएं बड़ी संख्या में दिखाई दी। दोगुनी से ज्यादा भीड़ देखकर एक ओर जहां भाजपा के पसीने छूट गये, वहीं दूसरी ओर इस शक्ति प्रदर्शन में धानोरकर अग्रसर होने तथा सुधीर मुनगंटीवार के पिछड़ जाने को लेकर सर्वत्र चर्चाओं का माहौल गरमा गया है।
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मंत्री सुधीर मुनगंटीवार की रैली यकीनन विशाल थी। लेकिन विधायक प्रतिभा धानोरकर की रैली उसके दोगुनी से भी अधिक होने की चर्चा के चलते भाजपा कार्यकर्ताओं में निराशा छायी हुई है। मुनगंटीवार के आशीर्वाद यात्रा में उपमुख्यमंत्री व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के अलावा विधायक संदीप धुर्वे, संजीव रेड्डी बोदकुरवार, अशोक उईके, महेश बालदी, प्रशांत ठाकूर, आशीष देशमुख, संजय धोटे, सुदर्शन निमकर आदि दिग्गज नेता उपस्थित थे। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस की रैली में विधायक प्रतिभा धानोरकर के साथ विधायक सुभाष धोटे, सुधाकर अडबाले व अभिजीत वंजारी के अलावा कोई बड़ा नेता मौजूद नहीं था। विरोधी दल नेता विजय वडेट्टीवार भी अनुपस्थित दिखाई दिये। लेकिन कांग्रेस की रैली ने गजब का शक्ति प्रदर्शन किया। हजारों की संख्या में आये लोगों से शहर की तमाम सड़के खचाखच भर गई। इस शक्ति प्रदर्शन से कांग्रेसियों का उत्साह दोगुना हो गया। प्रतिभा धानोरकर ने अपना दूसरा नामांकन पेश करने के बाद न्यू इंग्लिश मैदान के मंच से चुनावी लड़ाई का शंखनाद किया। इस मौके पर पूर्व मंत्री शिवाजीराव मोघे, पूर्व विधायक वामनराव कासावार, देवराव भांडेकर, शिवसेना के जिलाप्रमुख संदीप गिर्हे, आप पार्टी के सुनील मुसले, मयूर राईकवार, राकांपा के राजेंद्र वैद्य, दीपक जयस्वाल, कांग्रेस शहराध्यक्ष रामू तिवारी उपस्थित थे।
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आंसू नहीं बहाउंगी, डटकर लड़ूंगी – धानोरकर
कांग्रेस नेता प्रतिभा धानोरकर ने अपने भाषण में कहा कि पूर्व सांसद व पति बालू धानोरकर के अकस्मात निधन से वे व उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था। तमाम दुखों को भूलाकर उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र की जनता के कल्याण के लिए दिन-रात मेहनत की। ऐसे में कभी-कभी आंखें भर आया करती थी। इस पर भी विरोधक आरोप करते हैं, यह उनकी असंवेदनशीलता को दर्शाता है। एक विधवा के आंसूओं का अनादर करने वालों को जनता माफ नहीं करेगी। अब मैं रोउंगी नहीं, बल्कि डटकर लडूंगी। धानोरकर के इस बयान में मंगलवार को सुधीर मुनगंटीवार द्वारा किये गये टिपणी का जवाब दिया गया। प्रतिभा धानोरकर ने कहा कि यह लड़ाई हुकूमशाही के खिलाफ लोकशाही की लड़ाई है।
वंचित की ओर से राजेश बेले का नामाकंन
वंचित बहुजन आघाडी की ओर से संजीवनी पर्यावरण सामाजिक संस्था के अध्यक्ष राजेश बेले ने अपनी उम्मीदवारी जाहिर की. बेले ने गांधी चौक से रैली निकालकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने अपने उम्मीदवारी का आवेदन पेश किया।
गत लोकसभा चुनावों में चंद्रपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से कोई महिला सांसद नहीं बन पायी है। महिला उम्मीदवारों की हार की श्रृंखला क्या प्रतिभा धानोरकर तोड़ पाएगी, यह सवाल पूछा जाने लगा है। बताया जाता है कि वर्ष 1980 के लोकसभा चुनाव में जनता पार्टी ने प्रतिमा नुरुद्दीन नामक मुस्लिम महिला को कांग्रेस के उम्मीदवार शांताराम पोटदुखे के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा था, परंतु नुरुद्दीन को केवल 23 हजार 804 वोट ही मिले थे। जबकि पोटदुखे को 2 लाख 6 हजार 400 वोट मिले थे। विधायक के तौर पर वैसे तो जिले में पूर्व मंत्री यशोधरा बजाज, पूर्व मंत्री शोभाताई फडणवीस व स्वयं विधायक प्रतिभा धानोरकर चुने गये है। परंतु सांसद के रूप में आज तक किसी महिला ने चुनाव नहीं जीता है। प्रतिभा धानोरकर क्या इस समीकरण को भेद पाएगी, इस ओर जनता का ध्यान लगा हुआ है।