चंद्रपुर जिले के मूल तालुका के सोमनाथ पर्यटन स्थल के पास स्थित बाबा आमटे प्रकल्प वसाहत में सोमवार तड़के (8 सितंबर) दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। सुबह करीब 4:30 बजे अन्नपूर्णा बिलोने (52) नामक महिला अपने घर के आँगन में भर्तन साफ कर रही थीं, तभी अचानक घात लगाए बैठे एक बाघ ने उन पर जानलेवा हमला कर दिया।
पति का जज्बा लेकिन असफल प्रयास
अन्नपूर्णा की चीख-पुकार सुनकर उनके पति तुलशीराम बिलोने नींद से जागे और दौड़कर बाहर आए। उन्होंने देखा कि बाघ ने पत्नी के गले को जबड़े में दबा लिया है। साहस दिखाते हुए तुलशीराम ने पहले पत्नी को पैरों से खींचकर छुड़ाने की कोशिश की, लेकिन बाघ की ताकत के आगे वे नाकाम रहे। इसके बाद उन्होंने पास में पड़ी लकड़ी उठाकर बाघ पर वार किया। हमले से बाघ वहाँ से भाग निकला, लेकिन तब तक अन्नपूर्णा की मौके पर ही मौत हो चुकी थी।
घटना स्थल पर पुलिस और वन विभाग
घटना की खबर मिलते ही मूल पुलिस स्टेशन के अधिकारी – मेजर राष्ट्रपाल काटकर, धनराज नेवारे, वेदनाथ करंबे – तुरंत घटनास्थल पर पहुँचे। शव को पोस्टमार्टम के लिए मूल उपजिला अस्पताल भेजा गया।
वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुँचे और मृतका के पति को तात्कालिक सहायता के रूप में ₹20,000 की आर्थिक मदद दी।
आगे की कार्रवाई
पुलिस उपविभागीय अधिकारी सत्यजीत आमले के मार्गदर्शन और पुलिस निरीक्षक विजय राठोड के नेतृत्व में मामले की जाँच शुरू कर दी गई है। फिलहाल स्थानीय ग्रामीणों में गहरा डर और आक्रोश व्याप्त है।
यह घटना इस बात की गवाही देती है कि मानव-बाघ संघर्ष अब सिर्फ जंगल तक सीमित नहीं रहा, बल्कि गाँवों और बस्तियों तक फैल गया है। बाबा आमटे प्रकल्प जैसी सुरक्षित मानी जाने वाली वसाहत में बाघ का घुसकर हमला करना, प्रशासन और वन विभाग के लिए गंभीर चेतावनी है।
- ग्रामीण इलाकों में लोगों की सुरक्षा के लिए बाड़बंदी और रात्रि गश्त ज़रूरी है।
- ऐसे क्षेत्रों में रहने वालों को जागरूकता और सुरक्षा प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।
- बाघों की बढ़ती गतिविधियों पर सैटेलाइट कॉलर और ट्रैकिंग सिस्टम लगाने की आवश्यकता है।
यह घटना न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि वन्यजीव प्रबंधन की बड़ी चुनौती का प्रतीक भी है।
