चंद्रपुर – 6 मार्च को आयोजित महानगरपालिका की प्रशासकीय समिति की बजट सभा के दौरान वर्ष 2025-26 के बजट पर चर्चा की गई। इस अवसर पर आयुक्त विपिन पालीवाल ने बजट की जानकारी मीडिया के माध्यम से जनता को दी। हालांकि, इस दौरान 250 करोड़ रुपये के कर्ज़ को लेकर की गई गोपनीयता पर सवाल उठाते हुए जनविकास सेना के संस्थापक अध्यक्ष और पूर्व नगरसेवक पप्पू देशमुख ने बड़ा खुलासा किया।
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मनपा 250 करोड़ का कर्ज़ लेगी, परंतु आयुक्त ने नहीं दी स्पष्ट जानकारी?
पप्पू देशमुख ने आयुक्त पालीवाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि चंद्रपुर महानगरपालिका करीब 250 करोड़ रुपये का कर्ज़ लेने जा रही है, लेकिन इस महत्वपूर्ण जानकारी को जनता से छिपाने का प्रयास किया गया। प्रशासकीय समिति ने पहले ही इस कर्ज़ के लिए प्रस्ताव पारित कर संबंधित विभागों को भेज दिया है। इसके बावजूद आयुक्त ने इसकी कोई चर्चा नहीं की, जिससे मनपा की मंशा पर सवाल खड़े होते हैं।
इन योजनाओं के लिए लिया जा रहा कर्ज़
शहर के बुनियादी ढांचे को सुधारने के लिए शासन द्वारा तीन महत्वपूर्ण योजनाओं को मंजूरी दी गई है:
1. अमृत जल आपूर्ति योजना – चरण 2 (270 करोड़ रुपये)
2. भूमिगत मल-निसारण योजना (506 करोड़ रुपये)
3. रामाळा तालाब पुनर्जीवन एवं सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (27 करोड़ रुपये)
इन योजनाओं के लिए सरकार से धनराशि उपलब्ध कराई जाती है, लेकिन मनपा को इनकी कुल लागत का 33% हिस्सा स्वयं वहन करना होगा। इसके अनुसार, अमृत जल योजना के लिए मनपा को 85.791 करोड़ रुपये देने होंगे। मल-निसारण योजना के लिए 162.61 करोड़ रुपये की जरूरत होगी। रामाळा तालाब पुनर्जीवन परियोजना के लिए 9 करोड़ रुपये देने होंगे।
खनिज विकास निधि से 9 करोड़, पर 250 करोड़ रुपये कहां से आएंगे?
बजट बैठक में आयुक्त पालीवाल ने बताया कि रामाळा तालाब पुनर्जीवन योजना के लिए आवश्यक 9 करोड़ रुपये खनिज विकास निधि से प्राप्त होंगे। इसके अलावा, अमृत जल आपूर्ति योजना के लिए इस वर्ष 70 करोड़ और मल-निसारण योजना के लिए 20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि इन 250 करोड़ रुपये की व्यवस्था कैसे होगी?
देशमुख का आरोप है कि आयुक्त ने इस कर्ज़ को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी। अगर मनपा की आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर है कि वह इतनी बड़ी रकम नहीं जुटा सकती, तो यह पैसा कहां से आएगा?
UIDF कर्ज़ से वित्त पोषण, लेकिन क्या मनपा पर होगा दिवालिया होने का खतरा?
सूत्रों के अनुसार, मनपा इस 250 करोड़ रुपये की भारी रकम को शहरी पायाभूत विकास निधि (UIDF) से कर्ज़ लेकर पूरा करने वाली है। हालांकि, यह कर्ज़ दो वर्षों के भीतर व्याज समेत चुकाना होगा।
अगर मनपा इस कर्ज़ को चुका नहीं पाई, तो उसकी आर्थिक स्थिति पूरी तरह से चरमरा जाएगी और दिवालिया होने की नौबत आ सकती है। इस पर सवाल उठाते हुए पप्पू देशमुख ने आरोप लगाया कि मनपा ने नेताओं और ठेकेदारों के फायदे के लिए योजनाओं की लागत को कृत्रिम रूप से बढ़ा दिया है।
चंद्रपुर की जनता को उठाना पड़ेगा इसका खामियाजा!
अगर यह कर्ज़ लिया गया और मनपा आर्थिक संकट में फंसी, तो इसका सीधा असर शहर के विकास कार्यों पर पड़ेगा। भविष्य की योजनाएं ठप हो सकती हैं, और जनता को करों का बोझ उठाना पड़ सकता है।
क्या मनपा की मंशा संदेहास्पद है?
250 करोड़ के कर्ज़ की जानकारी छिपाना क्यों पड़ा?
क्या यह कर्ज़ केवल ठेकेदारों और नेताओं को फायदा पहुंचाने के लिए लिया जा रहा है?
क्या आने वाले वर्षों में मनपा की वित्तीय हालत खराब होगी?
इन सवालों के जवाब जनता को चाहिए, लेकिन क्या प्रशासन पारदर्शिता बरतेगा? या फिर चंद्रपुर महानगरपालिका आर्थिक संकट में फंसकर जनता पर करों का नया बोझ डालने की तैयारी कर रही है?
अब जनता को खुद करना होगा निर्णय!
चंद्रपुरवासियों को इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान देना होगा और प्रशासन से जवाब मांगना होगा। कहीं ऐसा न हो कि विकास के नाम पर लिया गया यह कर्ज़ शहर की प्रगति को ही अवरुद्ध कर दे!