चंद्रपुर मनपा चुनाव से पहले राष्ट्रवादी में भूचाल: शरद पवार गुट के चार पूर्व नगरसेवक अजित पवार के पाले में, जयस्वाल के नेतृत्व में बड़ा झटका!
चंद्रपुर महानगरपालिका चुनाव से ऐन पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) में जबरदस्त उथल-पुथल शुरू हो गई है। जिले के सियासी हलकों में हलचल तेज हो गई है क्योंकि पार्टी के चार पूर्व नगरसेवक और दर्जनों पदाधिकारी अजित पवार गुट में शामिल होने जा रहे हैं।
पार्टी के चंद्रपुर शहर अध्यक्ष और पूर्व नगरसेवक दीपक जयस्वाल, पूर्व नगरसेविका मंगला आखरे, महानंदा वाळके और विनोद लभाने मंगलवार को मुंबई में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की मौजूदगी में राष्ट्रवादी कांग्रेस (अजित पवार गुट) में शामिल होंगे। बताया जा रहा है कि जयस्वाल अपने समर्थक पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ पहले ही मुंबई के लिए रवाना हो चुके हैं।
इस राजनीतिक घटनाक्रम ने शरद पवार गुट को बड़ा झटका दिया है। पार्टी में अंदरूनी असंतोष लंबे समय से चल रहा था, लेकिन मनपा चुनावों के ठीक पहले इतनी बड़ी टूट अप्रत्याशित मानी जा रही है।
3.5 वर्षों बाद हो रहे चुनाव: चंद्रपुर महानगरपालिका चुनाव करीब साढ़े तीन वर्षों के अंतराल के बाद होने जा रहे हैं। अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि महा विकास आघाड़ी (MVA) या महायुती गठबंधन के घटक दल एक साथ लड़ेंगे या अलग-अलग।
राष्ट्रवादी की स्थिति: पार्टी की स्थापना से ही राष्ट्रवादी कांग्रेस चंद्रपुर जिले में कमजोर रही है। मनपा में कभी दो-तीन से ज्यादा नगरसेवक नहीं चुने जा सके।
शिकायतों का जिला: यह जिला हमेशा से पार्टी नेतृत्व के लिए “शिकायती जिला” माना गया है, जिस पर कभी विशेष ध्यान नहीं दिया गया।
2022 की फूट: 2022 में अजित पवार ने पार्टी के 40 विधायकों के साथ बगावत कर बीजेपी-शिवसेना की महायुती सरकार में प्रवेश किया। पार्टी और उसका “घड़ी” चुनाव चिह्न भी अजित पवार के पास चला गया।
दीपक जयस्वाल का बड़ा बयान:
दीपक जयस्वाल ने खुद इस बात की पुष्टि की है कि वे अजित पवार गुट में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा: > “मैं 25 वर्षों से राष्ट्रवादी कांग्रेस में सक्रिय हूं, लेकिन शीर्ष नेतृत्व का जिले पर कभी कोई ध्यान नहीं रहा। 2019 और 2024 की विधानसभा चुनावों में हमने पार्टी से कम से कम एक सीट देने की मांग की थी, पर हर बार वादे टूटे। चंद्रपुर में हमारी उपेक्षा की गई। अब समय आ गया है कि हम नई दिशा में आगे बढ़ें।”
इस घटनाक्रम ने चंद्रपुर जिले में राष्ट्रवादी कांग्रेस की राजनीति को एक नई दिशा में मोड़ दिया है। शरद पवार गुट के लिए यह बड़ा झटका है, वहीं अजित पवार गुट ने यह दिखा दिया है कि उसकी राजनीतिक पकड़ अब सिर्फ विधानसभा तक सीमित नहीं रही, बल्कि नगरीय निकाय चुनावों में भी उसका प्रभाव बढ़ रहा है।
