चंद्रपुर के बढ़ते प्रदूषण पर बड़ा फैसला, पर्यावरण मंत्री पंकजा मुंडे ने विधान परिषद में स्वतंत्र प्रदूषण नियंत्रण आराखड़े (मास्टर प्लान) की घोषणा की। जानिए सरकार की रणनीति और उठाए गए सख्त कदम।
कोयला खदानों, थर्मल पावर प्लांट्स और स्टील इंडस्ट्रीज के चलते गंभीर प्रदूषण संकट झेल रहे चंद्रपुर के लिए राज्य सरकार ने बड़ा और निर्णायक कदम उठाया है। महाराष्ट्र की पर्यावरण मंत्री पंकजा मुंडे ने विधान परिषद में एलान किया कि चंद्रपुर जैसे “प्रदूषण क्लस्टर” क्षेत्र के लिए एक स्वतंत्र प्रदूषण नियंत्रण आराखड़ा (मास्टर प्लान) तैयार किया जाएगा।
पर्यावरण मंत्री मुंडे ने यह घोषणा विधान परिषद में आधे घंटे की विशेष चर्चा के दौरान की, जब विधानपार्षद उमा खापरे ने चंद्रपुर के पर्यावरणीय संकट पर सवाल उठाया। उन्होंने बताया कि 2010 में चंद्रपुर को “क्रिटिकली पॉल्यूटेड एरिया (CPA)” घोषित किया गया था। हालांकि, विभिन्न उपायों के चलते अब प्रदूषण सूचकांक 83 से घटकर 54 हो गया है, जिससे कुछ उद्योगों को सशर्त मंजूरी दी गई है।
प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सरकार के कदम:
- सभी उद्योगों को ईएसपी (Electrostatic Precipitator), डस्ट कलेक्टर, ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम, जलशोधन संयंत्र, पुनः जल उपयोग, सड़क पक्कीकरण और पानी छिड़काव जैसी सख्त शर्तों का पालन करना होगा।
- नियमों का उल्लंघन करने वाले उद्योगों पर कार्रवाई की जा रही है। जांचें कर नोटिस जारी किए गए हैं और अनामत रकमें जब्त की गई हैं।
- स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं को प्रदूषण नियंत्रण के लिए धनराशि वितरित की गई है, लेकिन कई जगहों पर यह राशि खर्च नहीं हुई हैं।
मंत्री मुंडे ने स्पष्ट किया कि सरकार इस मुद्दे पर बेहद गंभीर है, और जल्द ही चंद्रपुर उद्योग समूह क्षेत्र के लिए विशिष्ट नियंत्रण नीति लागू की जाएगी। साथ ही, स्थानीय निकायों को चेतावनी भी दी गई कि उन्हें पर्यावरण संरक्षण हेतु मिलने वाला फंड समय पर खर्च करना होगा, अन्यथा कठोर कदम उठाए जाएंगे।
