कन्हारगांव अभयारण्य से चलकर पार की राज्यांतर सीमा; प्रेमभंग के बाद भटक रहा टी-115, अफवाहों पर वन विभाग सख्त
आमतौर पर प्रेम की कहानियाँ इंसानों में सुनने को मिलती हैं, लेकिन कभी-कभी प्रकृति में भी ऐसे भावनात्मक किस्से सामने आते हैं जो दिल को छू जाते हैं। महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के जंगल से एक बाघ ने अपनी साथी (बाघिन) की तलाश में लगभग ५० किलोमीटर से अधिक की लंबी यात्रा तय करते हुए तेलंगाना के जंगल में प्रवेश किया है।
नदी और खतरा पार कर ‘वाघिणी’ की खोज
बाघिन की तलाश में निकला यह बाघ चंद्रपुर जिले के कन्हारगांव वन्यजीव अभयारण्य को छोड़कर निकल गया। रास्ते में उसने पराहिता नदी को तैरकर पार किया और कई जोखिमों का सामना करते हुए तेलंगाना के कागजनगर टाइगर कॉरिडोर में प्रवेश किया। यह सफर आसान नहीं था, जिसमें नदियाँ, पहाड़ियाँ और अन्य बाघों के क्षेत्र से गुजरने का खतरा था, फिर भी प्रेम की चाह में उसने सारे जोखिमों को पार कर लिया।
वन विभाग ने बताया कि बाघ की गतिविधियों पर कैमरा ट्रैप के जरिए लगातार बारीकी से नजर रखी जा रही थी। उसके हर कदम को रिकॉर्ड किया गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, अक्टूबर से दिसंबर का महीना बाघों के मिलन का मौसम होता है, और इस दौरान वे साथी, भोजन और पानी की तलाश में लंबी दूरी तय करते हैं, जो उनके प्राकृतिक व्यवहार का हिस्सा है।
प्रेम में नाकाम T-115 की भटकन; गोंडपिपरी में खलबली
इधर, प्रेम में नाकाम हुए टी-११५ नाम के इस बाघ पर गोंडपिपरी क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद से ही वन विभाग की पैनी नजर थी।
किशोर गौरकार, वनपरिक्षेत्र अधिकारी, धाबा, ने बताया, “टी-११५ ने एक गलत क्षेत्र में घुसने की कोशिश की, लेकिन वहाँ पहले से ही उस बाघिन का एक अन्य प्रेमी बाघ मौजूद था, जो इसे अंदर नहीं आने दे रहा था। इस कारण यह बाघ अब सैरभैर होकर भटक रहा है। इस बाघ को सुरक्षित स्थान पर छोड़ने के प्रयास जारी हैं।”
अफवाह फैलाने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई
बाघ के लगातार घूमने से स्थानीय ग्रामीणों में डर का माहौल है। अधिकारी ने चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि कई लोग बाघ को लेकर तरह-तरह की अफवाहें फैला रहे हैं और AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के माध्यम से फर्जी तस्वीरें बनाकर वायरल कर रहे हैं।
गौरकार ने स्पष्ट किया, “यह समाज का माहौल बिगाड़ने का प्रयास है। ऐसे लोगों के खिलाफ हम कानूनी कार्रवाई करते हुए मामले दर्ज करेंगे।”
वन विभाग ने सभी नागरिकों से शांति बनाए रखने और किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न देने की अपील की है, जबकि टी-११५ को जल्द से जल्द सुरक्षित करने के प्रयास जारी हैं।
