अभी हाल ही में एक प्रकरण में मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ की ओर से गैरकानूनी ट्रक नीलाम करने के मामले में चंद्रपुर के जिलाधिकारी विनय गौड़ा को फटकार पड़ी। इसके बाद चंद्रपुर के तहसीलदार विजय पवार की मुश्किलें बढ़ गई है। यह मामला अभी ताजा ही था कि एक और मामले से चंद्रपुर तहसील प्रशासन (Chandrapur Tehsil Administration) का तुगलकी कार्य उजागर हुआ है। घुग्घुस शहर के नायब तहसील कार्यालय के सामने बीते कुछ वर्षों से राजस्व विभाग की भूमि पर एक राजनीतिक दल की ओर से अतिक्रमण कर वहां सेवा केंद्र चलाया जा रहा है। इस अतिक्रमित जगह को अब लीगल चोला ओढ़ाने के लिए चंद्रपुर के तहसील प्रशासन की ओर से तुगलकी कार्य शुरू हो गया है। सत्ताधारियों या यूं कहे राजनीतिक दल पर असिम कृपा और अपनी प्रशासनीक सेवा (लाभ) मुहैया कराने के लिए चंद्रपुर तहसीलदार ने 8 अगस्त 2024 को एक जाहिरनामा घोषित किया। इस जाहिरनामे पर आपत्तियां पेश करने की मियाद 30 अगस्त 2024 तय की गई। लेकिन सबसे ज्यादा हैरत की बात यह है कि उक्त जाहिरनामा का पत्र घुग्घुस नगर परिषद (Ghuggus Municipal Council) को डेडलाइन समाप्ति के अंतिम दिन अर्थात 30 अगस्त को प्राप्त हुआ। यह पत्र घुग्घुस नगर परिषद के मुख्याधिकारी तक पहुंचा 2 सितंबर 2024 को। तो अब अहम सवाल यह उठता है कि यह जाहिरनामा जनता को कब उपलब्ध कराया जाएगा और जनता कैसे 30 अगस्त 2024 तक अपनी आपत्तियां दर्ज कराएगी ? इन हालातों को देखकर लगता है कि यह चंद्रपुर तहसील प्रशासन का तुगलकी फरमान है।
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प्रशासन पर भारी पड़ रहा राजनीतिक दबाव
बताया जाता है कि करीब 5 वर्ष पूर्व घुग्घुस के नायब तहसील कार्यालय के सामने राजस्व विभाग की खुली भूमि पर BJP ने अतिक्रमण कर लिया। चूंकि भाजपा सत्ताधारी पार्टी है तो इस पर किसी ने कठोर कार्रवाई नहीं की। जिस समय घुग्घुस शहर के असंख्य दुकानों को अतिक्रमण के नाम पर तोड़ दिया गया, उस समय भी सेवा केंद्र शान से अपनी जगह पर खड़ा रहा। किसी अफसर की हिम्मत नहीं हुई कि राजनीतिक दल के अतिक्रमण को अन्य दुकानों की तरह ध्वस्त कर दें। कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने मामले को उठाया लेकिन प्रशासन पर राजनीतिक दबाव भारी पड़ गया।
BJP को कैसे राजनीतिक लाभ पहुंचा रहा चंद्रपुर तहसील प्रशासन ?
घुग्घुस नायब तहसील कार्यालय के सामने वाली राजस्व विभाग की खुली जगह पर BJP ने न केवल अतिक्रमण किया, बल्कि यहां के स्थानीय नेताओं ने यहां सुधीरभाऊ मुनगंटीवार सेवा केंद्र नाम से एक उपक्रम शुरू कर दिया। लेकिन इस अतिक्रमण पर जब समय-समय पर सवाल उठने लगे तो इसे लीगल करने की युक्ति खोजना शुरू हुआ। इसे वैध करने के लिए अब चंद्रपुर तहसील प्रशासन मेहरबान हो गया। समृद्धि लोककल्याणकारी संस्था घुग्घुस की ओर से अध्यक्ष किरण विवेक बोढे ने घुग्घुस के सर्वे क्रमांक 17 की 0.43 हेक्टेयर आर जगह को संस्था के वाचनालय के निर्माण के लिए किराये के तत्व पर प्राप्त करने हेतु तहसील प्रशासन के पास आवेदन किया। इस आवेदन पर चंद्रपुर के तहसीलदार ने जाहिरनामा निकालते हुए लिखित आपत्तियां पेश करने की सूचना की अंतिम मियाद 30 अगस्त 2024 को तय की। यह जाहिरनामा 8 अगस्त 2024 को निकाला गया। परंतु यह घुग्घुस नगर परिषद पहुंचते-पहुंचते इतनी देरी लगाई गई कि यह मियाद के अंतिम दिन अर्थात 30 अगस्त 2024 को ही नप में पहुंच पायी। और तो और यह जाहिरनामे का पत्र घुग्घुस नप के मुख्याधिकारी को 2 सितंबर 2024 को प्राप्त हुआ। अब सवाल यह उठता है कि इस जाहिरनामे पर जनता कैसे 30 अगस्त 2024 तक अपनी लिखित आपत्तियां दर्ज कराएगी ?
जनता के लिए कब उपलब्ध होगा जाहिरनामा ?
चंद्रपुर तहसील प्रशासन की ओर से घुग्घुस नगर परिषद के मुख्याधिकारी को 2 सितंबर 2024 को मिला जाहिरनामा यहां के निवासियों के लिए कब उपलब्ध कराया जाएगा ? यदि यह जाहिरनामा सितंबर माह में घुग्घुस वासियों के लिए उपलब्ध कराया जाता है तो इस पर जनता की ओर से आपत्तियां कब तक मंगवाई जाएगी ? चंद्रपुर के तहसीलदार ने अपने आदेश में 30 अगस्त 2024 की मियाद तय कर रखी है। ऐसे में सितंबर माह में जीने वाली घुग्घुस की जनता अगस्त माह में जाकर कैसे चंद्रपुर के तहसीलदार के जाहिरनामे पर अमल कर पाएगी ? इसका जवाब चंद्रपुर के जिलाधिकारी और महाराष्ट्र की सरकार को देना चाहिये।
और कितनी गड़बड़ियां हो रही
चंद्रपुर तहसील प्रशासन के इस जाहिरनामे से यह अंदेशा मिल रहा है कि कैसे किसी एक विशेष राजनीतिक दल को लाभ पहुंचाने के लिए जाहिरनामे को देरी से जनता के बीच पेश किया जा रहा है। घुग्घुस यह औद्योगिक नगर है। यहां के भूमि की कीमत लाखों-करोड़ों में है। बीते अनेक वर्षों से चंद्रपुर के तहसील प्रशासन की ओर से ही घुग्घुस नगर परिषद का कामकाज देखा जा रहा था। इस बीच घुग्घुस में ऐसे कितने अवैध भूमियों को वैध करने का काम किया गया, यह जांच का विषय है।
विपक्ष व कांग्रेस के नेता कमजोर, इसलिए अवैध को वैध करने का खेल शुरू
कांग्रेस (Congress) के नेताओं की कमजोर कार्यप्रणाली के कारण सत्ताधारी भाजपा नेताओं की यहां तूती बोल रही है। न जाने घुग्घुस नगर परिषद में कितने अवैध कार्यों को वैध करने के लिए सत्ता का दुरुपयोग किया गया होगा, यह सवाल अब आम घुग्घुसवासियों को सताने लगा है। खुद को विपक्षी समझने वाले कांग्रेस के स्थानीय नेता, कांग्रेस के विधायक, विरोधी दल नेता, कांग्रेस के सांसद आदि ने अपने गिरेबान में झांककर, विपक्षी होने का कर्तव्य पूर्ण करेंगे तो अनेक अवैध कार्यों को रोका जा सकेगा।