राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय विशेष जांच दल कर रहा जांच
Baheliya Poacher Gang Leader Ajit Rajgond: चंद्रपुर जिले में बाघ की अवैध शिकार से जुड़े एक बड़े मामले में बहेलिया शिकारी गिरोह के सरगना अजित राजगोंड उर्फ अजित सियालाल पारधी सहित छह आरोपियों की वन हिरासत 7 फरवरी तक बढ़ा दी गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) द्वारा गठित 5 सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) और चंद्रपुर वन विभाग द्वारा गठित 12 सदस्यीय SIT इस पूरे प्रकरण की जांच कर रही है।
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गिरफ्तार आरोपियों के अन्य शिकारी गिरोहों से कनेक्शन की जांच
शिकार मामले की जांच कर रही टीम यह पता लगाने में जुटी है कि गिरफ्तार आरोपी महाराष्ट्र या देश के अन्य शिकारी गिरोहों से जुड़े हैं या नहीं। वन अधिकारियों का मानना है कि यह गिरोह एक संगठित शिकारी नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है।
अजीत सियालाल पारधी, इंजेक्शन, रीमा, रबीना, सेवा, कु राजकुमारी, लालनीसुंग, सोनू सिंह, गिरफ्तार आरोपियों को जब राजुरा न्यायालय में पेश किया गया, तो कोर्ट ने छह आरोपियों की वन हिरासत 7 फरवरी तक बढ़ा दी, जबकि एक महिला आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इस मामले में आरोपियों से बाघ की शिकार की विस्तृत जानकारी और इससे जुड़े अन्य लिंक इकट्ठा किए जा रहे हैं।
पंजाब निवासी सोनू सिंह की गहन पूछताछ जारी
गिरफ्तार आरोपियों में एक व्यक्ति सोनू सिंह भी शामिल है, जो मूल रूप से पंजाब के होशियारपुर का निवासी है। अधिकारियों को संदेह है कि उसका संबंध किसी बड़े शिकारी गिरोह से हो सकता है, इसलिए उससे सघन पूछताछ की जा रही है।
NTCA और चंद्रपुर वन विभाग ने बनाई SIT
बाघ शिकार के इस मामले की जांच के लिए राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने 5 सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) गठित किया है, जो चंद्रपुर वन विभाग के सहयोग से जांच कर रहा है। इसके साथ ही मुख्य वन संरक्षक, चंद्रपुर द्वारा 12 सदस्यीय SIT भी बनाई गई है, जो इस मामले को गहराई से खंगाल रही है।
SIT में शामिल प्रमुख अधिकारी:
1. श्वेता बोड्डू (उपवन संरक्षक, मध्य चांदा वन विभाग) 2. पवनकुमार जोंग (DFO, राजुरा) 3. सचिन शिंदे (DFO) 4. बापूयेले (DFO) 5. आदेश शेंडगे 6. वेणुगोपाल 7. अॅड. महेश गायकवाड 8. सुरेश वेळकेवाड 9. अरुण गोंड 10. आकाश सारडा 11. शहबाज शेख
बाघ शिकार से जुड़े सभी पहलुओं की हो रही जांच
वन विभाग और SIT यह सुनिश्चित करने में जुटी है कि आरोपियों से शिकार की पूरी साजिश, बाघ की खाल और अन्य अंगों की तस्करी से जुड़े लोग, अंतरराज्यीय गिरोहों से कनेक्शन और भविष्य में ऐसे अपराधों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जा सकें।
मामला बेहद संवेदनशील होने के कारण जांच एजेंसियां इस पर विशेष ध्यान दे रही हैं, ताकि बाघ संरक्षण और वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर कठोर कदम उठाए जा सकें।