Chandrapur Traffic Signal Delay: Superintendent of Police Mumkka Sudharshan Action Taken Against Two Women Officials
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चंद्रपुर शहर के कस्तूरबा चौक में ट्रैफिक सिग्नल को समय पर शुरू करने की जिम्मेदारी दो महिला कर्मियों की थी। दुर्भाग्यवश, ये दोनों कर्मी ड्यूटी पर पांच मिनट देरी से पहुंचीं। इसी दौरान जिले के पुलिस अधीक्षक मुमक्का सुधर्शन चौक से गुजर रहे थे और उन्होंने देखा कि सिग्नल बंद था। इस पर उन्होंने तुरंत महिला कर्मियों को कार्यालय में बुलाकर उनकी सफाई सुने बिना ही उन पर कार्रवाई कर दी।
वाहन निरीक्षक पर कार्रवाई न होने से उठे सवाल
महिला कर्मियों के अलावा, ट्रैफिक शाखा के पुलिस निरीक्षक की भी इस मामले में समान जिम्मेदारी थी। परंतु, पुलिस निरीक्षक पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस पक्षपातपूर्ण कार्रवाई के चलते पुलिस अधीक्षक की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं। लोगों का मानना है कि यदि महिला कर्मियों को दोषी ठहराया गया, तो निरीक्षक पर भी सवाल उठने चाहिए।
ट्रैफिक शाखा के कार्यों पर पहले से है सवालिया निशान
चंद्रपुर शहर में ट्रैफिक शाखा के कार्यालय के सामने अक्सर निजी बसों की लंबी कतारें देखी जाती हैं। इस कारण यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस मुद्दे को जानबूझकर अनदेखा किया जा रहा है। लोग इसे “दीपक तले अंधेरा” जैसी स्थिति कह रहे हैं।
शहर में चर्चा: क्या पुलिस अधीक्षक इस मुद्दे पर लेंगे सख्त कदम?
हालांकि ट्रैफिक पुलिस ने इस समस्या पर आंखें मूंद ली हैं, परंतु अब शहर में यह चर्चा तेज है कि क्या पुलिस अधीक्षक मुमक्का सुधर्शन इस अनियमितता पर कोई ठोस कार्रवाई करेंगे। उनकी हालिया कार्रवाई को लेकर लोगों में कई सवाल उठ रहे हैं।
जिम्मेदारी सबकी, कार्रवाई भी हो निष्पक्ष
यह मामला सिर्फ देरी का नहीं, बल्कि शहर की ट्रैफिक व्यवस्था की कमियों का भी है। ऐसे में कार्रवाई यदि पूरी तरह निष्पक्ष और समग्र हो, तो ही सुधार की उम्मीद की जा सकती है।