चंद्रपुर शहर के बीचों-बीच स्थित गांधी चौक इलाके में अचानक शुरू हुए एक विवादित निर्माण कार्य ने सियासत गरमा दी है। चंद्रपुर शहर पुलिस स्टेशन और सात मंजिला इमारत के बीच की भूमि पर, जो वर्तमान में पुरातत्व विभाग के संरक्षण में है, चंद्रपुर महानगरपालिका ने बिना किसी पूर्व अनुमति या सूचना के पुतला निर्माण कार्य शुरू कर दिया। यह घटना सामने आते ही कांग्रेस ने इस पर तीखा विरोध दर्ज कराया है।
कांग्रेस का हमला: “ऐतिहासिक धरोहर पर चोट”
चंद्रपुर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष रितेश (रामू) तिवारी ने इस कार्य को “अनधिकृत” बताते हुए कड़ी निंदा की है। उन्होंने साफ कहा कि यह निर्माण न केवल कानून के विरुद्ध है बल्कि इससे शहर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को भी खतरा है। तिवारी ने इस मुद्दे पर चंद्रपुर महानगरपालिका आयुक्त विपिन पालीवाल को ज्ञापन सौंपते हुए तत्काल निर्माण कार्य बंद कराने और मामले पर स्पष्टता देने की मांग की है।
गांधी चौक की पहचान खतरे में?
विवाद केवल निर्माण कार्य का नहीं, बल्कि स्थल के नामकरण का भी है। दरअसल, जिस जगह पर पुतला लगाया जा रहा है, वहां पहले स्वतंत्रता सेनानी और समाजसेवियों की स्मृतियां जुड़ी रही हैं। परंतु हाल ही में इस स्थान को “अम्मा चौक” नाम देने का प्रस्ताव पास किया गया। इस पर कांग्रेस का आरोप है कि एक महिला, स्व. गंगुबाई जोरगेवार (अम्मा), जो वहां टोकरी बेचती थीं, उनके नाम पर चौक का नामकरण करके गांधी चौक की पुरानी पहचान मिटाने की कोशिश की जा रही है।
पुरातत्व विभाग की निगरानी में भूमि
तिवारी का कहना है कि यह क्षेत्र पुरातत्व विभाग की देखरेख में आता है और वहां किसी भी तरह का निर्माण करना सख्त प्रतिबंधित है। ऐसे में महानगरपालिका का यह कदम न केवल नियमों का उल्लंघन है बल्कि शहर के ऐतिहासिक महत्व को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
जनभावनाएं और सियासी हलचल
स्थानीय नागरिकों में भी इस मुद्दे को लेकर आक्रोश है। गांधी चौक का नाम बदलने और पुतला निर्माण को लेकर जनभावनाएं भड़क रही हैं। कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि यदि निर्माण कार्य नहीं रोका गया तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।
मनपा की चुप्पी पर सवाल
इस पूरे विवाद पर अब तक चंद्रपुर महानगरपालिका की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। शहर की राजनीतिक गलियों में यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि क्या यह कदम प्रशासनिक चूक है या फिर कोई राजनीतिक मंशा?
यह मामला केवल एक पुतला लगाने या नाम बदलने का नहीं, बल्कि शहर की ऐतिहासिक पहचान और सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ा है। गांधी चौक जैसे महत्वपूर्ण स्थल पर बिना अनुमति निर्माण, न केवल कानूनी सवाल खड़े करता है, बल्कि प्रशासनिक पारदर्शिता पर भी गंभीर प्रश्नचिह्न लगाता है। कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाकर मोर्चा खोल दिया है, जिससे आने वाले दिनों में राजनीतिक टकराव तेज होने के आसार हैं।
#Chandrapur #GandhiChowk #PoliticalRow #UnauthorizedEffigy #CongressVsBJP #MaharashtraPolitics #ChandrapurNews #BreakingNews
