चंद्रपुर जिला परिषद के बांधकाम विभाग के मुख्य अभियंता विवेक फेंढे एक बार फिर चर्चाओं के केंद्र में आ गए हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक धक्कादायक वीडियो में वे एक टेकेदार से 20 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए स्पष्ट रूप से कैमरे में कैद हुए हैं। यह वीडियो आम आदमी पार्टी (AAP) के जिलाध्यक्ष मयूर राईकवार ने सार्वजनिक किया, जिसके बाद जिले के प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों में भूचाल आ गया है।
वीडियो में क्या है?
वीडियो में साफ दिख रहा है कि अभियंता फेंढे अपने ऑफिस टेबल के ड्रॉवर में 20 हजार रुपये रखते हैं। पैसे लेने के बाद वे सामने बैठे शख्स से पूछते हैं – “कितने हैं?” जवाब आता है, “20”। इसके बाद फेंढे शेष रकम की मांग करते हैं, जिस पर वह व्यक्ति आश्वासन देता है कि बाकी पैसे जल्द लाएगा।
यह केवल रिश्वत लेने की घटना नहीं है, बल्कि बची हुई रकम की भी मांग कर भ्रष्टाचार का ठोस सबूत पेश करता है।
तत्काल कार्रवाई
वीडियो सामने आते ही सीईओ पुलकीतसिंग ने बिना देरी किए अभियंता फेंढे को निलंबित कर दिया। इस कार्रवाई से अधिकारियों और ठेकेदारों में खलबली मच गई है।
पुराना विवाद और राजनीतिक संरक्षण
यह पहली बार नहीं है जब विवेक फेंढे का नाम भ्रष्टाचार में आया हो। कुछ महीने पहले भी उन पर गंभीर आरोप लगने के बाद निलंबन की कार्रवाई हुई थी। लेकिन स्थानीय सत्ताधारी विधायक के राजनीतिक संरक्षण के चलते वे फिर से सेवा में बहाल हुए – ऐसा आरोप आप पार्टी ने लगाया है।
आप की मांग – ACB जांच जरूरी
आम आदमी पार्टी ने इसे भ्रष्टाचार का जीवंत उदाहरण बताते हुए मांग की है कि विवेक फेंढे पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कर लाचलुचपत प्रतिबंधक विभाग (ACB) से जांच कराई जाए। साथ ही, आरोप लगाया गया कि फेंढे ने अब तक ठेकेदारों को भारी संख्या में कार्यादेश जारी कर भ्रष्टाचार का बड़ा नेटवर्क खड़ा कर लिया है।
टेकेदार पर भी शक
वीडियो आप तक एक टेकेदार ने पहुँचाया था, लेकिन अब वह सामने नहीं आ रहा है। ऐसे में उसके इरादों पर भी सवाल उठ रहे हैं कि कहीं वह खुद इस गहरे भ्रष्टाचार जाल का हिस्सा तो नहीं।
यह घटना न सिर्फ प्रशासन की छवि पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि भ्रष्टाचार किस हद तक संस्थागत रूप ले चुका है। अब देखना यह है कि निलंबन के बाद क्या यह मामला महज़ राजनीतिक रस्मअदायगी बनकर रह जाएगा या वाकई कानूनी कार्यवाही आगे बढ़ेगी।
