यूरोपीय मानकों पर खरी उतरी कोरपना और राजूरा तालुका की मिर्च, वैश्विक बाजार में बढ़ी मांग
Chandrapur’s Red Chili Gains Entry into the European Market: यूरोप में सूखी लाल मिर्च की अच्छी मांग और ऊंचे दाम मिलने के कारण चंद्रपुर जिले के राजूरा और कोरपना तालुका के किसानों की ‘लाल मिर्च’ अब यूरोप निर्यात की जा रही है। यूरोपीय मानकों के अनुरूप चंद्रपुर की लाल मिर्च फिट पाई गई है, जिससे स्थानीय किसानों के लिए एक नई आर्थिक संभावनाओं के द्वार खुल गए हैं।
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पारंपरिक खेती से नहीं मिलता था लाभ
कोरपना और राजूरा तालुका में कपास और सोयाबीन प्रमुख फसलें हैं, लेकिन साथ ही यहां परंपरागत तरीके से मिर्च की खेती भी होती रही है। हालांकि, पारंपरिक खेती से उगाई गई मिर्च की बाजार में अधिक मांग नहीं थी और कीमतें भी कम होने के कारण किसानों को अधिक लाभ नहीं मिल पाता था।
आधुनिक खेती से अंतरराष्ट्रीय बाजार तक सफर
‘कृषक स्वराज शेतकरी उत्पादक कंपनी’ के सहयोग से राजूरा और कोरपना तालुका के किसानों को आधुनिक खेती अपनाने और यूरोपीय मानकों के अनुसार मिर्च उत्पादन करने के लिए प्रशिक्षित किया गया। कृषि विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में किसानों को उच्च गुणवत्ता वाली मिर्च उत्पादन के गुर सिखाए गए, जिससे उनकी उपज यूरोपीय बाजार में निर्यात योग्य बन सकी।
850 हेक्टेयर में पहली बार हुआ मिर्च का उत्पादन
पहली बार कोरपना तालुका में 850 हेक्टेयर और राजूरा तालुका में 300 एकड़ में यूरोपीय मानकों के अनुरूप लाल मिर्च की खेती की गई। इस दौरान कृषि विशेषज्ञों ने नियमित क्षेत्रीय दौरे कर किसानों को उन्नत तकनीक से अधिक उत्पादन प्राप्त करने में मदद की।
रसायन मुक्त मिर्च उत्पादन का सफल प्रयोग
राजूरा तालुका में ‘कृषक स्वराज शेतकरी उत्पादक कंपनी’ के सहयोग से अवशेष मुक्त (Residue-Free) मिर्च उत्पादन का प्रायोगिक प्रयोग किया गया। इस प्रक्रिया में हानिकारक रसायनों का न्यूनतम उपयोग कर गुणवत्ता को उच्च स्तर पर रखा गया।
बेंगलुरु टेस्टिंग में पास हुई चंद्रपुर की मिर्च
पहले ही साल इस प्रयोग में शामिल 4 किसानों की मिर्च को यूरोपियन बाजार में भेजने से पहले बेंगलुरु में गुणवत्ता जांच के लिए भेजा गया। यहां कठोर यूरोपीय गुणवत्ता मानकों पर जांच के बाद चंद्रपुर की मिर्च उत्तीर्ण पाई गई।
किसानों को मिला अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रवेश
चंद्रपुर के किसानों स्वप्निल झुरमुरे, चंद्रकांत पिंपळकर और दिनकर डाहुले की लाल मिर्च यूरोपीय बाजार में निर्यात के लिए स्वीकृत हुई। यह उपलब्धि चंद्रपुर जिले के किसानों के लिए एक नई आर्थिक क्रांति लेकर आ सकती है। अब जिले की लाल मिर्च जल्द ही वैश्विक बाजार में पहुंचने वाली है, जिससे किसानों को अच्छे दाम मिल सकेंगे।
जिलाधिकारी ने किसानों का किया सम्मान
चंद्रपुर जिले में फिलहाल लाल मिर्च की स्थानीय कीमतें ज्यादा नहीं हैं, लेकिन यूरोपीय बाजार में इसकी अधिक मांग और ऊंचे दाम से किसानों को अच्छा लाभ मिलने की संभावना है। किसानों की इस उपलब्धि को देखते हुए चंद्रपुर के जिलाधिकारी विनय गौड़ा ने इसे जिले के लिए गर्व का विषय बताया और कोरपना तालुका के बिबी गांव के मिर्च उत्पादक स्वप्निल झुरमुरे और चंद्रकांत पिंपळकर को सम्मानित किया।
चंद्रपुर जिले के किसानों ने आधुनिक खेती और यूरोपीय मानकों के अनुरूप उत्पादन कर वैश्विक बाजार में अपनी जगह बनाई है। यह सफलता अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणादायक साबित होगी और जिले की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगी।