विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। चुनावी माहौल गर्म होते ही नेताओं और कार्यकर्ताओं ने एक पार्टी से दूसरी पार्टी में जाना शुरू कर दिया है। हालांकि, पार्टी बदलने का यह सिलसिला अब बेतहाशा बढ़ता जा रहा है, और इसे लेकर कुछ सीमाएं होनी चाहिए। मगर इन सबके बीच एक उपसरपंच ने सभी हदें पार करते हुए सिर्फ दो दिनों के अंदर चार अलग-अलग पार्टियों में शामिल होकर एक अनोखा रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज किया है। यह महापराक्रम करने वाले शख्स का नाम है रामलू राठोड, जो चंद्रपुर जिले के सुब्बई गांव के उपसरपंच हैं। उनकी इस राजनीतिक यात्रा की पूरे राज्य में चर्चा हो रही है।
Whatsapp Channel |
कांग्रेस से शेतकरी संघटना, फिर से कांग्रेस, और आखिर में बीजेपी!
चुनावों के आते ही न सिर्फ बड़े नेता बल्कि कार्यकर्ता भी एक्टिव हो गए हैं। रामलू राठोड का यह सफर उस वक्त शुरू हुआ जब उन्होंने चार दिन पहले कांग्रेस से इस्तीफा देकर शेतकरी संघटना में प्रवेश किया। इस खबर ने क्षेत्र में हलचल मचा दी, और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने तुरंत कार्रवाई करते हुए राठोड के घर पहुंचकर उन्हें वापस कांग्रेस में लाने की कोशिश की। कांग्रेस में वापसी की खबर भी तेजी से फैली।
लेकिन यह कहानी यहीं नहीं रुकी। अगले ही दिन राठोड ने फिर से शेतकरी संघटना के दफ्तर जाकर दोबारा पार्टी में प्रवेश कर लिया।
इसी बीच, जब उसी दिन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कुछ नेता सुब्बई गांव पहुंचे, तो उन्होंने रामलू राठोड से मुलाकात की और उन्हीं के हाथों से बीजेपी में शामिल होने का फैसला कर लिया। इस तरह, महज दो दिनों में राठोड ने चार बार पार्टी बदली, और यह क्रम कांग्रेस, शेतकरी संघटना, फिर से कांग्रेस, और अंत में बीजेपी तक पहुंचा।
राजनीतिक हलकों में चर्चा
रामलू राठोड के इस राजनीतिक ‘सफ़र’ ने सभी का ध्यान खींचा है। उनकी यह अद्भुत पार्टी बदलने की क्षमता स्थानीय राजनीतिक चर्चाओं का मुख्य विषय बन गई है। जहां एक ओर कई लोग इसे एक मजाकिया घटना के रूप में देख रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ इसे चुनावी अवसरवादिता का उदाहरण मानते हैं।
इस घटना ने यह भी दिखाया कि चुनाव के समय पार्टियों और नेताओं के बीच वफादारी का क्या मतलब रह गया है। विधानसभा चुनाव में ऐसे ही कई और घटनाक्रम देखने को मिल सकते हैं, लेकिन रामलू राठोड का यह मामला निश्चित रूप से सबसे असाधारण माना जाएगा।