Clash Between BJP and Congress Workers in Chandrapur’s Chimur, Police Control the Situation Swiftly”
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महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के चिमूर शहर में आज सुबह भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच तीखी नोकझोंक और झड़प देखने को मिली। यह विवाद उस समय हुआ जब ज़िला परिषद कन्या शाला में स्थित मतदान केंद्र के बाहर दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता अपनी-अपनी मतदाता सूचियों के साथ मौजूद थे।
यहां आज़ाद वार्ड और नेहरू वार्ड के मतदान केंद्र हैं, जहां मतदाताओं की सहायता के लिए कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ता स्टॉल लगाकर खड़े थे। सुबह करीब 9 बजे भाजपा विधायक बंटी भांगडिया और पूर्व विधायक मितेश भांगडिया अपने कार्यकर्ताओं के साथ वहां पहुंचे। इसी समय, कांग्रेस के ज़िला परिषद के पूर्व सदस्य गजानन बुटके भी अपने कार्यकर्ताओं और बॉडीगार्ड्स (बाउंसर) के साथ कांग्रेस के स्टॉल पर पहुंचे।
विवाद की जड़:
विधायक बंटी भांगडिया ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा बॉडीगार्ड्स (बाउंसर) लाने पर कड़ा ऐतराज जताया। उन्होंने इसे अनुचित बताते हुए बॉडीगार्ड्स को तुरंत वहां से हटाने की मांग की। इस बात को लेकर दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं के बीच तीखी बहस शुरू हो गई। बहस बढ़ते-बढ़ते झड़प और नारेबाजी तक पहुंच गई।
पुलिस का हस्तक्षेप:
चूंकि यह घटना मतदान केंद्र के 100 मीटर के दायरे में हो रही थी, इसलिए पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप किया। उन्होंने दोनों पक्षों को शांत किया और स्थिति को नियंत्रण में लिया। पुलिस की मुस्तैदी के कारण मामला गंभीर रूप से बढ़ने से टल गया और मतदान प्रक्रिया निर्बाध रूप से जारी रही।
चुनावी माहौल में इस प्रकार की घटनाएं आम हो सकती हैं, लेकिन यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए एक चिंता का विषय है। राजनीतिक दलों को चाहिए कि वे अपने कार्यकर्ताओं को संयमित रहने का निर्देश दें। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस की भूमिका सराहनीय रही, जिन्होंने समय रहते मामले को संभाल लिया।
चिमूर की इस घटना ने चुनावी प्रतिस्पर्धा के दौरान राजनीतिक दलों के बीच बढ़ते तनाव को उजागर किया है। हालांकि, पुलिस के सक्रिय प्रयासों से हालात जल्द ही सामान्य हो गए और मतदान प्रक्रिया बिना किसी रुकावट के जारी रही।