संभाजी नगर में औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग से उपजा तनाव नागपुर तक पहुंचा
महाराष्ट्र के संभाजी नगर में मुगल सम्राट औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर हिंदुत्ववादी समूहों के विरोध-प्रदर्शन ने पूरे राज्य में सांप्रदायिक तनाव को जन्म दे दिया है। इस मुद्दे ने सोमवार (18 मार्च) को नागपुर में हिंसा को भड़का दिया, जिसके कारण शहर के कई इलाकों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है।
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कैसे शुरू हुई हिंसा?
सूत्रों के मुताबिक, नागपुर में हिंसा तब भड़की जब राज्यभर में यह अपुष्ट खबर फैली कि विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल द्वारा आयोजित एक प्रदर्शन के दौरान हिंदुत्ववादी कार्यकर्ताओं ने एक कपड़े को जलाया, जिस पर धर्मीरक बाते लिखा हुआ था। इसके बाद नागपुर के महल, चिटनिस पार्क, कोतवाली और गणेशपेठ समेत कई इलाकों में सांप्रदायिक तनाव फैल गया।
पहली झड़प शाम 7:30 बजे के आसपास हुई, और दूसरी लहर रात 10:30 बजे शुरू हुई। हिंसा के दौरान कई वाहनों को आग लगा दी गई, दुकानों में तोड़फोड़ की गई और पुलिस पर पथराव किया गया। नागपुर के पुलिस आयुक्त रविंदर सिंघल ने बताया कि इस पथराव में कम से कम चार पुलिसकर्मी घायल हो गए।
हिंसा प्रभावित इलाके और प्रशासन की सख्ती
नागपुर पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी है। शहर के कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरानगर और कपिलनगर इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया है।
आदेश के तहत, चिकित्सा आपात स्थिति को छोड़कर लोगों के घर से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी गई है। साथ ही, पांच से अधिक लोगों के इकट्ठा होने और किसी भी प्रकार की अफवाह फैलाने पर भी रोक लगा दी गई है। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि अगर कोई इन नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 223 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने की शांति बनाए रखने की अपील
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, जो नागपुर के ही रहने वाले हैं, ने इस घटना को ‘अनुचित’ करार दिया है। उन्होंने नागपुर के निवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा, “मैंने पुलिस आयुक्त को हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।”
संभाजी नगर में भी बढ़ा तनाव
यह विवाद तब शुरू हुआ जब हिंदुत्ववादी संगठनों ने संभाजी नगर के खुल्दाबाद तालुका में स्थित मुगल सम्राट औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग तेज कर दी। हर साल शिवाजी जयंती और रमजान के दौरान यह मुद्दा उठता है, जिससे सांप्रदायिक तनाव बढ़ता है।
घटनास्थल से प्रत्यक्षदर्शियों का बयान
हिंसा प्रभावित इलाकों के प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, सोमवार देर रात कुछ ‘अज्ञात’ लोग हंसपुरी इलाके में पहुंचे, जो आरएसएस मुख्यालय से मात्र एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “वे हथियार, हॉकी स्टिक और कांच की बोतलों से लैस थे। उनका इरादा केवल हंगामा करने का था।”
भीड़ ने जल्द ही हिंसक रूप ले लिया और कई जगहों पर आगजनी व तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं।
नागपुर में कर्फ्यू, स्थिति पर कड़ी नजर
नागपुर पुलिस आयुक्त रविंदर सिंघल ने कहा कि हालात पर कड़ी नजर रखी जा रही है और स्थिति को सामान्य करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि पुलिस, सरकारी अधिकारी, आवश्यक सेवा प्रदाता, अग्निशमन कर्मी और परीक्षा देने वाले छात्रों को कर्फ्यू से छूट दी गई है।
फिलहाल, नागपुर और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में सांप्रदायिक तनाव की स्थिति बनी हुई है। पुलिस और प्रशासन कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी तरह से सतर्क है।