मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने महाराष्ट्र के ब्रम्हपुरी विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक विजय वडेट्टीवार को एक बड़ा झटका दिया है। अदालत ने उन्हें नोटिस जारी कर उनकी विधायकी को लेकर उठाए गए सवालों का जवाब देने का निर्देश दिया है। यह नोटिस स्वाभिमानी पक्ष के उम्मीदवार नारायण जांभुले की ओर से दायर याचिका के बाद जारी किया गया है, जिसमें वडेट्टीवार पर चुनावी हलफनामे में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया गया है।
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क्या है मामला?
याचिकाकर्ता नारायण जांभुले का आरोप है कि विजय वडेट्टीवार ने चुनाव के दौरान दाखिल किए गए हलफनामे में अवैध स्टांप पेपर का उपयोग किया है। दरअसल, वडेट्टीवार ने जो शपथपत्र दाखिल किया था, वह उनकी पत्नी द्वारा खरीदे गए स्टांप पेपर पर था। याचिका के मुताबिक, यह स्टांप पेपर केवल करारनामे के लिए खरीदा गया था और इसे चुनावी शपथपत्र के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता था।
याचिकाकर्ता का कहना है कि इस नियम के उल्लंघन के चलते वडेट्टीवार का शपथपत्र अवैध घोषित किया जाना चाहिए और उनकी विधायक पद की सदस्यता को रद्द किया जाना चाहिए। इस आधार पर हाईकोर्ट से उनकी विधायकी खत्म करने की मांग की गई है।
पहले भी लग चुके हैं आरोप
चुनाव के दौरान भी नारायण जांभुळे ने वडेट्टीवार के शपथपत्र पर सवाल उठाए थे, लेकिन तब इस मामले को अदालत ने खारिज कर दिया था। कोर्ट ने यह कहते हुए याचिकाकर्ता को फटकार लगाई थी कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान इस तरह की याचिकाएं स्वीकार नहीं की जा सकतीं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 329 के तहत अदालतें चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं कर सकतीं। तब हाईकोर्ट ने जांभुले को चुनाव याचिका दायर करने की सलाह दी थी।
अब जब विधानसभा चुनाव समाप्त हो चुका है, नारायण जांभुले ने चुनाव याचिका दायर कर वडेट्टीवार की विधायकी को चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए विजय वडेट्टीवार को नोटिस भेज दिया है और अगली सुनवाई में जवाब देने का निर्देश दिया है।
क्या होगा आगे?
ब्रम्हपुरी विधानसभा क्षेत्र महाराष्ट्र की राजनीति में एक महत्वपूर्ण सीट है और विजय वडेट्टीवार यहां से तीसरी बार विधायक चुने गए हैं। अब उनकी विधायकी पर तलवार लटक रही है। यदि अदालत ने उनके खिलाफ फैसला सुनाया, तो उनकी सदस्यता रद्द हो सकती है और ब्रम्हपुरी में दोबारा चुनाव कराने की नौबत आ सकती है।
अब सबकी नजरें इस मामले की अगली सुनवाई पर टिकी हैं, जिसमें तय होगा कि विजय वडेट्टीवार अपनी विधायक कुर्सी बचा पाते हैं या नहीं।