स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के दौरान भी भारत जैसे कृषि प्रधान देश में किसानों की आत्महत्याएँ थमने का नाम नहीं ले रही हैं। हर साल लाखों किसान सरकार की गलत नीतियों के कारण आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं। किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है, वहीं खेती के लिए आवश्यक खाद, बीज, कीटनाशक, और कृषि उपकरणों पर भारी जीएसटी लगाया गया है। कर्ज के बढ़ते बोझ, सूखा प्रभावित किसानों को अपर्याप्त राहत, किसान आंदोलनों की अनदेखी और बढ़ती गुंडागर्दी से आम जनता परेशान है। आर्थिक संकट गहराता जा रहा है, लेकिन केंद्र और राज्य सरकारें किसानों को दिए गए आश्वासनों को पूरा करने में विफल साबित हो रही हैं।
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इन्हीं मुद्दों को लेकर चंद्रपुर जिले में कांग्रेस की ओर से ‘किसान सन्मान धरना आंदोलन ’ आयोजित किया गया। यह धरना प्रियदर्शिनी इंदिरा गांधी चौक पर किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में किसान और कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुए। आंदोलन के दौरान कांग्रेस नेताओं ने केंद्र और राज्य सरकार की किसान विरोधी नीतियों की कड़ी आलोचना की और किसानों के हक के लिए संघर्ष तेज करने का संकल्प लिया।
कांग्रेस नेताओं ने साधा सरकार पर निशाना
इस अवसर पर कांग्रेस के जिला अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक सुभाष धोटे ने केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की नीतियों के कारण देश का अन्नदाता किसान लगातार संकट में है। सरकार ने किसानों से जो वादे किए थे, वे अब तक पूरे नहीं हुए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार जल्द ही किसानों को न्याय नहीं देती है, तो कांग्रेस और भी उग्र आंदोलन करेगी।
उन्होंने आगे कहा कि जिले के सभी छह विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस पदाधिकारियों ने भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों की आलोचना की और जनता की समस्याओं को उजागर किया। धरने में सरकार विरोधी नारे लगाए गए और किसानों की मांगों को लेकर प्रदर्शन किया गया।
किसानों के मुद्दों के साथ अन्य समस्याओं पर भी चिंता
धरना प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेताओं ने सिर्फ किसानों के मुद्दे ही नहीं, बल्कि देश में बढ़ रही अन्य समस्याओं पर भी सरकार को आड़े हाथों लिया। इनमें महापुरुषों का अपमान, महिलाओं की सुरक्षा पर बढ़ता खतरा, बेरोजगारी, महंगाई, भाजपा सरकार की आर्थिक नीतियों के कारण देश की चरमराती अर्थव्यवस्था, गुंडाराज और अराजकता जैसे कई मुद्दे शामिल थे।
सुभाष धोटे ने कहा कि अगर सरकार ने जल्द ही किसानों की समस्याओं को हल नहीं किया, तो कांग्रेस किसानों को न्याय दिलाने के लिए और अधिक तीव्र आंदोलन करेगी।
आंदोलन में शामिल प्रमुख नेता और पदाधिकारी
इस धरना आंदोलन में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी शामिल हुए। इनमें निरीक्षक मुजीब पठान, शहर अध्यक्ष रीतेश तिवारी, महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुनंदा धोबे, पूर्व जिलाध्यक्ष सुभाषसिंह गौर, विनोद दत्तात्रय, चंदा वैरागड़े, जिला बैंक अध्यक्ष संतोषसिंह रावत, युवक कांग्रेस जिलाध्यक्ष शंतनु धोटे, शहर जिलाध्यक्ष राजेश अडूर, दिनेश चोखारे, संतोष लहामगे, सुनीता लोढ़िया, घनश्याम मुलचंदानी, अरुण धोटे, विजय बावने, भालचंद्र दानव, तालुकाध्यक्ष अनिल नरुले, नितीन गोहणे, उत्तमराव पेचे, रंजन लांडे, मिलिंद भोयर, विलास टिपले, प्रो. अनिल शिंदे, राजू रेड्डी, एजाज अहमद, घनश्याम येनुरकर, राकेश रत्नावार, कुणाल चहारे, सुल्तान अशरफ अली, प्रशांत दानव, अनु देहेगावकर समेत कांग्रेस की सभी फ्रंटल ऑर्गनाइज़ेशन के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में किसान एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।
कांग्रेस का संकल्प: किसानों को दिलाएंगे न्याय
कांग्रेस नेताओं ने स्पष्ट किया कि वे हमेशा किसानों के साथ खड़े रहेंगे और उनकी मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाएंगे। अगर केंद्र और राज्य सरकार किसानों के प्रति अपनी वादाखिलाफी जारी रखती हैं, तो कांग्रेस और भी बड़े आंदोलन करेगी और किसानों को उनका अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष करेगी।
इस धरना प्रदर्शन ने जिले में किसानों की दुर्दशा और सरकार की नाकामी को उजागर किया और यह साफ कर दिया कि अगर सरकार जल्द ही किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं करती, तो कांग्रेस इस लड़ाई को और भी तेज करेगी।