बीते दिनों एक कार्यक्रम के दौरान (Congress MP Pratibha Dhanorkar) कांग्रेस सांसद प्रतिभा धानोरकर द्वारा भाजपा (BJP) के वरिष्ठ नेता एवं जिले के पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार (Guardian Minister Sudhir Mungantiwar) के खिलाफ गलत बयानबाजी करने का आरोप भाजपा की महिला आघाडी ने लगाया है। माज (मस्ती) उतारने जैसी अभद्र भाषा का प्रयोग किया है। उनके इस गलत बयानी को लेकर वरोरा में सांसद धानोरकर के खिलाफ निषेध आंदोलन किया गया। इस समय भाजपा के महिला संगठन की ओर से तीव्र रूप में चेतावनी दी गई। इस मसले को लेकर अब राजनीतिक माहौल गरमा गया है। कांग्रेस और भाजपा के नेता-पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं में तनाव की स्थिति दिखाई पड़ रही है।
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क्या कहा था प्रतिभा धानोरकर ने ?
सांसद धानोरकर ने कहा कि – अपने जिले के पालकमंत्री जो है, जिन्हें आप विकास पुरुष कहते हैं, उन्होंने जिस प्रकार से इस जिले में मस्ती दिखाई वह आपने देखा ही है। बीते 10 वर्षों के कार्यकाल में पालकमंत्री के रूप में उन्होंने काम किया। उनकी आधी मस्ती बीते लोकसभा में हमने उतार दी। शेष आधी मस्ती को हम आगामी विधानसभा में उतार देंगे। इतनी मस्ती उतारने के बावजूद आपने देखा है कि उनकी सत्ता की गर्मी अब तक कम नहीं हुई है। सत्ता का नशा आज भी उनके सिर चढ़कर बोल रहा है। लेकिन अपने हाथों में है, अपने को पता है कि कांग्रेस की महाआघाड़ी की सरकार 100 प्रतिशत इस राज्य में आने वाली है। और यह सरकार आने के बाद यकीनन इन ठेका कामगारों का विषय प्राथमिकता से लिया जाएगा। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने भी वादा किया है कि वे अपनी सरकार आने के बाद ठेका कामगारों को सेवा भर्ती करा लेंगे। इसलिए मैं बताना चाहती हूं कि जिस प्रकार की तानाशाही इस भाजपा के लोगों की ओर से वर्तमान में राज्य और देश में शुरू है, इन्हें किसी भी हाल में रोकना होगा।
पालकमंत्री के बारे में जो कहा जा रहा है कि वह यह है कि जब उनसे मिलने के लिए कोई पीड़ित जाता है तो वे 4-5 घंटों तक उनसे इंतजार कराते हैं। आम इंसानों की कीमत नहीं करते। आयोजित किसी कार्यक्रम में वे तय समय पर नहीं जाते हैं। वे साधारण जनता को मिलते नहीं है। इसलिए उन्हें जो घमंड आया है, उसे उतारना है तो आगामी विधानसभा चुनावों में उनकी आधी मस्ती को कैसे उतारना है, यह तुम्हारे हाथों में है। इसके लिए मेरी यहां के ठेका कामगारों से विनती है कि जो आंदोलनकर्ता अपनी और अपने परिजनों की परवाह किये बिना यहां अनशन पर बैठा है, उसके साथ खड़े रहे। बीते 10 दिनों से जारी आंदोलन में आप उनका साथ दे रहे हो, लेकिन जब तक अपनी मांगों की पूर्ति नहीं होगी। कुछ लोग आएंगे और आपको दोबारा से झूठा आश्वासन देकर आप लोगों के अनशन आंदोलन को खत्म कर देंगे। इनके झूठे आश्वासनों को सून-सूनकर अब लोग थक चुके हैं। अब जब तक कायम स्वरूप में आपको जवाब नहीं मिलेगा तब तक यह आंदोलन पिछे न लें। लेकिन जान है तो जहान है, इसलिए अपने प्राणों की रक्षा होना भी जरूरी है। इसलिए मैं अनुरोध करती हूं कि आंदोलनकर्ता सलाइन लगा लें और आंदोलन जारी रखें।
बताया जाता है कि कांग्रेस की सांसद प्रतिभा धानोरकर ने राज्य के पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया। धानोरकर की इस भाषा से आक्रोशित होकर भाजपा की महिला कार्यकर्ताओं ने धानोरकर की तस्वीर को जूतों से मारते हुए विरोध प्रदर्शन किया। धानोरकर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। भाजपा की महिला पदाधिकारियों ने कहा कि प्रतिभा धानोरकर एक महिला होने के साथ-साथ जनप्रतिनिधि भी हैं, इसलिए उनसे सभ्य भाषा की उम्मीद की जाती है।
आंदोलन कर रही महिलाओं का कहना था कि किसी नेता का नाम एकल तौर पर लेना और गलत शब्दों का उपयोग करना एक सभ्य, शिक्षित और संस्कारी व्यक्ति का गुण नहीं है। यह आंदोलन चंद्रपुर जिले के वरोरा में हुआ। जिसमें भाजपा की महिला मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष वनिता कानडे के नेतृत्व में कई महिलाओं ने भाग लिया।
आंदोलन में भाग लेने वाली भाजपा की कार्यकर्ता सुनीता काकडे, माया राजूरकर, कीर्ति कातोरे, शुभांगी निंबालकर, सुजाता दुर्गपुरोहित, ज्योति मुंजे, ज्योति कित्ते, और छाया चव्हाण ने भी धानोरकर की भाषा की कड़ी आलोचना की। उन्होंने धानोरकर से कहा कि वे अपनी भाषा में सुधार करें। उन्होंने सवाल किया कि क्या वे उम्र, अनुभव और उपलब्धियों में उनसे बड़े व्यक्तियों के लिए भी ऐसे शब्दों का प्रयोग करती हैं? साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि अगर धानोरकर ने फिर से इस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया, तो अभी तो सिर्फ बैनर को पीटा गया है, लेकिन भविष्य में क्या होगा, यह सोचने की जरूरत है। आगे उन्होंने कहा कि धानोरकर के खिलाफ आंदोलन और भी तीव्र हो सकता है।