वेकोलि वणी क्षेत्र के निलजाई खदान में कार्यरत एचडी एंटरप्राइजेज और गौरव जॉइंट वेंचर कंपनी में काम करने वाले 65 मजदूरों को कंपनी प्रबंधन द्वारा अचानक काम से हटा दिया गया है, जिससे इन मजदूरों के परिवारों पर भूखमरी की नौबत आ गई है। मजदूरों ने अपनी पुनर्नियुक्ति की मांग को लेकर आज सोमवार, 27 जनवरी से कंपनी के मुख्य द्वार पर बेमियादी अनशन शुरू करने का निर्णय लिया है।
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इस मामले को लेकर मजदूरों ने उपविभागीय अधिकारी और कंपनी प्रबंधन को ज्ञापन देकर अपनी समस्याओं के समाधान की गुहार लगाई है। मजदूरों के साथ वेकोलि के टीएससी सदस्य संजय खाड़े ने भी अनशन में शामिल होने का ऐलान किया है।
एचडी एंटरप्राइजेज और गौरव जॉइंट वेंचर कंपनी निलजई ओपनकास्ट खदान में खुदाई का काम करती हैं। ये कंपनियां पिछले 5 वर्षों से सक्रिय हैं और वर्तमान में पूरी क्षमता के साथ काम कर रही हैं। इन कंपनियों के पास एचडी एंटरप्राइजेज के 35 डंपर और गौरव जॉइंट वेंचर के 60 डंपर संचालित हो रहे हैं। इसके बावजूद इन कंपनियों में काम करने वाले 65 मजदूरों को हटाया गया है, जिससे उनके परिवार भयंकर आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं।
मजदूरों ने मांग की है कि उन्हें दोबारा काम पर रखा जाए। इस संबंध में उन्होंने उपविभागीय अधिकारी और कंपनी प्रबंधन को ज्ञापन भी दिया है।
भूमिपुत्रों के साथ अन्याय :
स्थानीय लोगों ने वेकोलि के लिए अपनी जमीन दे दी. कृषि के नुकसान के परिणामस्वरूप किसानों, खेत मजदूरों और कई स्थानीय लोगों का रोजगार छिन गया है. वेकोलि प्रदूषण से कृषि को भारी नुकसान हो रहा है. प्रदूषण स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है. वेकोलि की प्रगति में भूमिपुत्रों के बलिदान ने प्रमुख भूमिका निभाई है. धरतीपुत्र के खिलाफ यह अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. कंपनी को तुरंत श्रमिकों को पुनः काम पर रखना चाहिए.
अनशन में शामिल होंगे ये मजदूर:
अनशन के लिए तैयार मजदूरों में प्रभाकर खोब्रागडे, संजय पारशिवे, कान्हू तामगाड़गे, महेश गोवरदिपे, अनिल डोंगे, योगेश कामतवार, प्रकाश इंगोले, सुरेश पारशिवे, वासुदेव चिड़े, किसन खेडेकर, अरुण डाहुले, प्रवीण कातरकर, श्रीकांत निंदेकर, संजय वढाटे, प्रकाश नागोसे, रवी गुरनुले, संदीप नांदे, संजय वासनकर, आकाश गोबाड़े, तुलसीदास धांडे, सुनील कातरकर, विजय खुटेमाटे, दिलीप काकड़े, गणेश सातपुते, भाऊराव काकड़े, मिथुन निब्रड, विशाल गोवरदिपे, पुरुषोत्तम पाचभाई, राजू ढपकर, वैभव खाड़े, हरिभाऊ खेडेकर, संतोष राजुरकर, अनिल बोबडे, अरुण असिनकर, दीपक खुसपुरे, सुभाष पिंगे, गणेश पारशिवे और मंगेश देरकर सहित कई अन्य मजदूर शामिल हैं।
मजदूर परिवारों की हालत दयनीय होती जा रही है। उनका कहना है कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो यह आंदोलन आगे और उग्र हो सकता है।