मुख्य वनसंरक्षक श्रीनिवास रेड्डी पर लगे गंभीर आरोप, आम आदमी पार्टी ने की सख्त कार्रवाई की मांग
चंद्रपूर🔍 वन अकादमी में सरकारी पैसों से खरीदे गए लाखों रुपये के उपकरणों की लापरवाही से बर्बादी होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जब इस घोटाले का पर्दाफाश हुआ, तो आम आदमी पार्टी ने तत्काल जांच और दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। हालांकि, मुख्य वनसंरक्षक श्रीनिवास रेड्डी पर इस मामले को दबाने का आरोप लग रहा है, क्योंकि उन्होंने जांच की मांग को लगातार टालने का प्रयास किया।
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वन अकादमी में सरकारी पैसे का दुरुपयोग, लाखों की संपत्ति कबाड़ में तब्दील!
आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष मयूर राईकवार, युवा जिला अध्यक्ष राजू कूडे, महानगर संगठन मंत्री संतोष बोपचे और युवा संगठन मंत्री मनीष राऊत ने इस भ्रष्टाचार का खुलासा करते हुए मुख्य वनसंरक्षक रेड्डी को लिखित शिकायत सौंपी। शिकायत में बताया गया कि सरकारी कोष से खरीदे गए महंगे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, स्नेक बाइट किट्स, प्राथमिक उपचार किट्स, हार्ड डिस्क, माइक्स, कार्ट्रिज और अन्य जरूरी सामान वन अकादमी के बंद पड़े सरकारी क्वार्टर्स में लापरवाही से फेंक दिए गए थे। अधिकांश सामान नए पैकिंग में थे, लेकिन उन पर धूल और गंदगी की मोटी परत जमी हुई थी, जिससे साफ जाहिर होता है कि ये सामान लाखों की कीमत के बावजूद इस्तेमाल में लाने के बजाय बर्बाद किए जा रहे हैं।
मुख्य वनसंरक्षक रेड्डी पर भ्रष्टाचार को छुपाने का आरोप
जब आम आदमी पार्टी के पदाधिकारी इस मामले की जांच के लिए मुख्य वनसंरक्षक श्रीनिवास रेड्डी से मिले, तो उन्होंने मौके पर जाने से इनकार कर दिया। इस पर जिला अध्यक्ष मयूर राईकवार और रेड्डी के बीच तीखी बहस हुई। राईकवार ने रेड्डी से तत्काल कार्रवाई की मांग की, लेकिन रेड्डी ने इस मुद्दे को नजरअंदाज करने की कोशिश की। हालात इतने बिगड़ गए कि रेड्डी ने पुलिस बुलाकर आम आदमी पार्टी के नेताओं पर दबाव बनाने की कोशिश की, लेकिन इसके बावजूद पार्टी पदाधिकारी डटे रहे और घटनास्थल पर सरकारी संपत्ति की बर्बादी का पंचनामा करने की मांग की।
रेड्डी का विवादों से पुराना नाता, पहले भी लगे हैं गंभीर आरोप
मुख्य वनसंरक्षक रेड्डी का नाम पहले भी बड़े विवादों से जुड़ा रहा है।
1. अमरावती के मेळघाट व्याघ्र प्रकल्प में महिला वन अधिकारी दीपाली चव्हाण की आत्महत्या मामले में रेड्डी पर गंभीर आरोप लगे थे।
2. उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे और भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते उन्हें निलंबित भी किया गया था।
3. बीजेपी नेताओं ने भी अमरावती में उनके खिलाफ ठोस सबूत पेश किए थे।
इतने विवादों के बावजूद रेड्डी को🔍 चंद्रपूर में बड़ी जिम्मेदारी देना स्थानीय प्रशासन और राजनीतिक दबाव का नतीजा बताया जा रहा है।
आम आदमी पार्टी ने दी आंदोलन की चेतावनी
इस मामले में आम आदमी पार्टी ने राज्य सरकार और वन विभाग से 4 प्रमुख मांगें रखी हैं:
1. मुख्य वनसंरक्षक रेड्डी को तत्काल निलंबित कर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच हो।
2. वन अकादमी में हुई सरकारी खरीद की पूरी ऑडिट कर भ्रष्टाचार को उजागर किया जाए।
3. इस पूरे घोटाले में शामिल सभी अधिकारियों पर आपराधिक मामले दर्ज किए जाएं।
4. सरकारी पैसे की जो बर्बादी हुई है, उसकी भरपाई दोषी अधिकारियों से कराई जाए।
अगर इन मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो आम आदमी पार्टी ने चंद्रपूर में बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है।
क्या रेड्डी बच पाएंगे या होगा बड़ा एक्शन?
इस घोटाले ने एक बार फिर सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है। अगर सरकार ने तुरंत कार्रवाई नहीं की, तो यह मुद्दा तूल पकड़ सकता है और आम आदमी पार्टी इसे एक बड़े जन आंदोलन का रूप दे सकती है। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या रेड्डी पर गाज गिरेगी या भ्रष्टाचार का यह खेल यूं ही चलता रहेगा?