Chhatrapati Shivaji Maharaj, Statue Installation, Ghugus, MLA Kishor Jorgewar, Administration Meeting: छत्रपति शिवाजी महाराज केवल महाराष्ट्र के ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। उनका पराक्रम, शौर्य और दूरदृष्टि आज भी हर भारतीय के हृदय में जोश और उत्साह का संचार करती है। घुग्घूस में उनकी अश्वारूढ़ प्रतिमा की स्थापना केवल एक प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि इस क्षेत्र के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक गौरव का प्रतीक होगी। इसलिए इस कार्य में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आनी चाहिए। इस संदर्भ में विधायक किशोर जोरगेवार ने सार्वजनिक निर्माण विभाग, घुग्घूस नगर परिषद प्रशासन और संबंधित विभागों को स्थल निरीक्षण कर उचित स्थान निर्धारित करने के निर्देश दिए।
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तहसील कार्यालय में हुई महत्वपूर्ण बैठक
छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा की स्थापना के संदर्भ में घुग्घूस तहसील कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में तहसीलदार विजय पवार, घुग्घूस नगर परिषद के मुख्याधिकारी रांजनकर, सार्वजनिक निर्माण विभाग के उपविभागीय अभियंता प्रकाश अमरशेट्टीवार, जिला परिवहन प्रबंधक स्मिता सुतवने, लॉयड मेटल कंपनी के प्रबंधक पवनकुमार मेश्राम, शिवाजी महाराज समिति के चेतन बोबडे, सोनल भरटकर, संतोष नुने सहित कई गणमान्य नागरिक और शिवप्रेमी उपस्थित रहे।
शिव स्मारक समिति ने दिखाई गहरी आत्मीयता
शिवप्रेमियों और शिव स्मारक समिति ने इस प्रतिमा की स्थापना के लिए विशेष रूप से पहल की है। उन्होंने इस कार्य को शीघ्र पूरा करने की मांग की। बैठक में विधायक किशोर जोरगेवार ने प्रशासन से कहा कि इस कार्य को प्राथमिकता दी जाए और तेजी से क्रियान्वयन किया जाए। साथ ही लॉयड मेटल कंपनी प्रबंधन से अनुरोध किया कि वे इस समाजहित के कार्य में कोई बाधा न डालें, बल्कि सहयोग करें।
उन्होंने सार्वजनिक निर्माण विभाग को निर्देश दिए कि तत्काल स्थल का सर्वेक्षण कर उचित स्थान को अंतिम रूप दें और आवश्यक प्रक्रियाओं को शीघ्र आरंभ करें।
घुग्घूस की शान बनेगा यह स्मारक
यह भव्य अश्वारूढ़ प्रतिमा भविष्य में घुग्घूस की पहचान और गौरव का प्रतीक बनेगी। साथ ही, यह यहां की नई पीढ़ी को छत्रपति शिवाजी महाराज के विचारों और प्रेरणादायक व्यक्तित्व से परिचित कराएगी। छत्रपति शिवाजी महाराज महाराष्ट्र के आराध्य देवता हैं और उनकी प्रतिमा की स्थापना केवल शिवप्रेमियों की भावना नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक गौरव का विषय है।
इसलिए सभी विभागों, प्रशासन और समाज के लोगों को एकजुट होकर इस कार्य को शीघ्र पूर्ण करना चाहिए। यह स्मारक केवल एक मूर्ति नहीं, बल्कि शिवाजी महाराज की विचारधारा और उनके शौर्य का प्रतीक होगा, जिससे आने वाली पीढ़ियां प्रेरणा ले सकेंगी। बैठक में मौजूद शिवप्रेमियों ने भी इस कार्य में पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया।