चंद्रपुर जिले में पर्यटन की अपार संभावनाएं, रोजगार सृजन का मिलेगा बढ़ावा
महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र में विधायक किशोर जोरगेवार ने चंद्रपुर जिले को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि चंद्रपुर जिला प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित है और यहां पर्यटन के अनेक आयाम मौजूद हैं, जिनका विकास किया जाए तो यह जिला देश के पर्यटन नक्शे पर एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त कर सकता है।
विधायक जोरगेवार ने सरकार से अपील की कि जिले में वन्यजीव, ऐतिहासिक, धार्मिक और औद्योगिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सभी संबंधित विभागों की संयुक्त बैठक बुलाकर ठोस कार्ययोजना तैयार की जाए। उन्होंने चंद्रपुर को पर्यटन का केंद्र बनाने की दिशा में तेजी से काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
महाकाली मंदिर के विकास कार्य को मिले मंजूरी
विधानसभा में अपनी मांग रखते हुए विधायक जोरगेवार ने कहा कि चंद्रपुर का महाकाली मंदिर ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह मंदिर 500 वर्षों से अधिक पुराना है और यहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर के विकास के लिए 250 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई थी, लेकिन अभी तक इस योजना को स्वीकृति नहीं मिली है।
उन्होंने सरकार से अपील की कि इस योजना को तुरंत मंजूरी दी जाए और महाकाली मंदिर का विकास कार्य प्रारंभ किया जाए, जिससे अधिक से अधिक पर्यटक आकर्षित हो सकें और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले।
ताडोबा को अन्य पर्यटन स्थलों से जोड़ने की जरूरत
चंद्रपुर जिले का प्रसिद्ध ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व हर साल लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है, लेकिन वे अन्य पर्यटन स्थलों तक नहीं पहुंचते। विधायक जोरगेवार ने कहा कि पर्यटकों को जिले के अन्य महत्वपूर्ण स्थलों तक लाने के लिए विशेष प्रयास किए जाने चाहिए।
उन्होंने बताया कि जिले में टाइगर सफारी के लिए 287 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है और 400 एकड़ भूमि पर इसे विकसित किया जाना है। यह सफारी पर्यटकों को एक अनूठा अनुभव प्रदान करेगी और जिले में पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने मांग की कि इस परियोजना का कार्य जल्द से जल्द शुरू किया जाए।
चंद्रपुर की पवित्र दीक्षाभूमि के विकास के लिए 100 करोड़ की मांग
चंद्रपुर स्थित पवित्र दीक्षाभूमि बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। इसके विकास के लिए 100 करोड़ रुपये की मांग की गई थी, जिसमें से 56.90 करोड़ रुपये की राशि पहले ही स्वीकृत हो चुकी है।
विधायक जोरगेवार ने विधानसभा में मांग की कि शेष राशि भी जल्द से जल्द उपलब्ध कराई जाए ताकि इस धार्मिक स्थल का समुचित विकास हो सके और अधिक संख्या में पर्यटक एवं श्रद्धालु यहां आ सकें।
औद्योगिक पर्यटन की संभावनाओं को भी दिया गया बल
चंद्रपुर जिला केवल धार्मिक और प्राकृतिक पर्यटन के लिए ही नहीं, बल्कि औद्योगिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहां स्थित बिजली उत्पादन केंद्र, सीमेंट उद्योग, कागज कारखाने और कोयला खदानें इसे औद्योगिक पर्यटन के लिए उपयुक्त बनाते हैं।
विधायक जोरगेवार ने मांग की कि चंद्रपुर में औद्योगिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इन सभी संसाधनों को विकसित किया जाए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि बंद पड़ी वेकोली की भूमिगत कोयला खदानों को पर्यटन के लिए खोला जाए। इससे न केवल जिले का पर्यटन बढ़ेगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर नए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
सरकार से पर्यटन विकास को लेकर ठोस कदम उठाने की अपील
विधायक किशोर जोरगेवार ने कहा कि चंद्रपुर जिला अपार पर्यटन संभावनाओं से भरपूर है और सरकार को इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। इससे न केवल जिले की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
उन्होंने विधानसभा में अपनी मांग रखते हुए कहा कि चंद्रपुर को देश के पर्यटन नक्शे पर प्रमुख स्थान दिलाने के लिए सभी संबंधित योजनाओं को जल्द से जल्द मंजूरी दी जाए और विकास कार्यों की गति तेज की जाए।
चंद्रपुर जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने से जहां स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, वहीं राज्य और देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। सरकार यदि उचित कदम उठाती है, तो चंद्रपुर न सिर्फ महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश का एक प्रमुख पर्यटन केंद्र बन सकता है।