23 अगस्त 2024 के शासन निर्णय के तत्काल कार्यान्वयन की मांग, RTE 2009 के नियमों का हवाला
महाराष्ट्र राज्य के शिक्षकों में अशैक्षणिक कार्यों को दिए जाने से गहरा असंतोष है। इस कारण शिक्षक संघ ने मांग की है कि उन्हें तुरंत अशैक्षणिक कार्यों से मुक्त किया जाए और 23 अगस्त 2024 के शासन निर्णय को तत्काल लागू किया जाए। इस संदर्भ में विदर्भ माध्यमिक शिक्षक संघ के सरकार्यवाह और विधायक सुधाकर अडबाले (Mla Sudhakar Adbale) ने विभागीय आयुक्त विजयालक्ष्मी बिदरी (Divisional Commissioner Vijayalakshmi Bidri) से मुलाकात की और अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा।
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RTE 2009 का हवाला:
अडबाले ने कहा कि RTE (शिक्षा का अधिकार) 2009 के तहत राज्य के शिक्षकों को केवल शैक्षणिक कार्यों में लगाया जाना चाहिए, सिवाय जनगणना और चुनाव संबंधी कार्यों के। लेकिन वास्तविकता यह है कि शिक्षकों को मतदाता पंजीकरण और विभिन्न सर्वेक्षणों जैसे कार्यों में उलझाया जा रहा है। इसके कारण शिक्षकों पर गैर-शैक्षणिक कार्यों का बोझ पड़ रहा है।
शिक्षकों की कमी का असर:
राज्य में पहले से ही हजारों शिक्षकों के पद रिक्त हैं, जिससे मराठी स्कूलों की गुणवत्ता में गिरावट आ रही है। इस स्थिति को सुधारने के लिए शिक्षकों को अधिक समय दिया जाना चाहिए ताकि वे शैक्षणिक कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकें। लेकिन शिक्षकों को शैक्षणिक कार्यों के बजाय अन्य कार्यों में लगाया जा रहा है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता पर नकारात्मक असर पड़ रहा है।
अधिवेशन में उठाया गया मुद्दा:
विधायक सुधाकर अडबाले ने इस मुद्दे को कई बार विधान सभा में उठाया है और शिक्षकों को अशैक्षणिक कार्यों से मुक्त करने की मांग की है। इसके परिणामस्वरूप, शालेय शिक्षण विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था। इस समिति ने शैक्षणिक और अशैक्षणिक कार्यों का वर्गीकरण करते हुए सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी।
शासन निर्णय का पालन जरूरी:
23 अगस्त 2024 को सरकार ने इस मुद्दे पर एक शासन निर्णय जारी किया, जिसमें शैक्षणिक और अशैक्षणिक कार्यों का स्पष्ट वर्गीकरण किया गया। इसके अनुसार, शिक्षकों को जनगणना, आपदा राहत और चुनाव कार्यों के अलावा अन्य अशैक्षणिक कार्यों से तुरंत मुक्त किया जाना चाहिए। विधायक अडबाले ने विभागीय आयुक्त से इस निर्णय को सख्ती से लागू करने और सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की।
इस अवसर पर विदर्भ माध्यमिक शिक्षक संघ के नागपुर महानगर कार्यवाह अविनाश बढे भी उपस्थित थे।