चंद्रपुर जिले के नागभिड तहसील के कई गांवों में ओलावृष्टि और तूफानी बारिश से उन्नत किस्म के धान (चावल) का फसल को भारी नुकसान हुआ है। इसके बाद हजारों प्रभावित किसानों ने सोमवार (5 मई) को तहसील कार्यालय पहुंचकर तहसीलदार के समक्ष मुआवजे की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया।
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क्या हुआ?
-» दिनांक 1 मई की रात तेज आंधी और ओलावृष्टि के कारण चिंधीचक, चिंधीमाल, तळोधी (बा), उश्राळमेंढा, गंगासागर हेटी, सावरला, वाढोणा आदि गांवों में खड़ी चावल की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई।
-» 3 मई को फिर से भारी बारिश और ओले गिरने से किसानों की मुश्किलें बढ़ गईं।
-» किसानों का कहना है कि 80-90% फसल नष्ट हो चुकी है और अब बची हुई फसल की कटाई भी संभव नहीं है।
किसानों ने तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन
प्रभावित किसानों ने तहसीलदार प्रतापराव वाघमारे से मुलाकात कर अपनी समस्याएं बताईं। उन्होंने कहा कि कर्ज लेकर उन्नत किस्म के धान (चावल) बोई थी, लेकिन अब फसल नष्ट होने से कर्ज चुकाने में असमर्थ हैं। तहसीलदार ने किसानों की बात सुनकर पूर्ण मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया और इस संबंध में राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे तुरंत सर्वेक्षण कर नुकसान का आकलन करें।
सांसद किरसान ने क्षेत्र का दौरा किया
इसी बीच, सांसद नामदेवराव किरसान ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर किसानों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि वे राज्य सरकार से तत्काल राहत पैकेज की मांग करेंगे।
क्यों है यह फसल इतनी महत्वपूर्ण?
नागभिड तहसील में धान (चावल) मुख्य फसल है। यहां के किसान खरीफ के बाद गर्मियों में सिंचित धान (समर पैडी) की खेती करते हैं, जिस पर उनकी आजीविका निर्भर करती है। इस बार किसानों ने उन्नत किस्मों पर ज्यादा निवेश किया था, लेकिन प्राकृतिक आपदा ने सब कुछ तहस-नहस कर दिया।
किसानों की मुख्य मांगें:
1. तत्काल नुकसान का आकलन कर मुआवजा दिया जाए।
2. कर्ज माफी और नए ऋण की व्यवस्था की जाए।
3. अगले खरीफ सीजन के लिए बीज-खाद की सहायता प्रदान की जाए।
सरकार द्वारा जल्द ही इस मामले में कोई ठोस निर्णय लिए जाने की उम्मीद है।