वर्धा नदी पर बने पुल से भारी वाहनों की आवाजाही बंद, महाराष्ट्र-तेलंगाना के रिश्तों में पड़ सकता है दरार!
महाराष्ट्र और तेलंगाना के बीच लंबे समय से सौहार्दपूर्ण संबंध रहे हैं, लेकिन हाल ही में तेलंगाना प्रशासन द्वारा उठाए गए एक चौंकाने वाले कदम ने दोनों राज्यों के बीच तनाव बढ़ा दिया है। महाराष्ट्र से तेलंगाना में होने वाली भारी वाहन आवाजाही को लेकर तेलंगाना प्रशासन ने अचानक कड़ा फैसला लेते हुए पोडसा पुल पर ट्रैफिक रोक दिया है। इतना ही नहीं, तेलंगाना पुलिस ने महाराष्ट्र की सीमा में घुसकर वहां के वाहनों पर भी कार्रवाई शुरू कर दी है, जिससे स्थानीय ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश है।
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48 घंटे से ठप है यातायात, स्थानीय लोग परेशान
चंद्रपुर जिले के आखिरी छोर पर स्थित गोंडपीपीरी तहसील के पोडसा गांव से तेलंगाना का सिरपुर इलाका जुड़ा हुआ है। दोनों राज्यों को जोड़ने के लिए वर्धा नदी पर करीब 10 साल पहले पुल बनाया गया था, जिससे आवाजाही आसान हुई थी। यह पुल महाराष्ट्र और तेलंगाना के बीच व्यापार और सामाजिक संबंधों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा रहा था। लेकिन अब तेलंगाना प्रशासन ने इस मार्ग से गुजरने वाले भारी वाहनों को रोककर नए विवाद को जन्म दे दिया है।
टोल बचाने के लिए इस रास्ते का हो रहा इस्तेमाल – तेलंगाना पुलिस
जब तेलंगाना के शिरपुर पुलिस स्टेशन के अधिकारियों से इस कार्रवाई को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने दावा किया कि पोडसा-सिरपुर मार्ग का इस्तेमाल भारी वाहन चालक टोल टैक्स से बचने के लिए कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस मार्ग पर भारी ट्रकों के चलने से सड़कें खराब हो रही हैं और ग्रामीणों को भी परेशानी हो रही है। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या किसी राज्य को यह अधिकार है कि वह दूसरे राज्य की सीमा में घुसकर अपनी मनमानी करे?
महाराष्ट्र की सीमा में घुसकर कार्रवाई, तेलंगाना प्रशासन की दादागिरी!
तेलंगाना पुलिस का इस तरह महाराष्ट्र की सीमा में आकर वाहनों पर कार्रवाई करना एक गंभीर मामला है। इसे तेलंगाना प्रशासन की दादागिरी कहा जाए तो गलत नहीं होगा। ग्रामीणों का कहना है कि अगर सड़क खराब हो रही है तो तेलंगाना सरकार को महाराष्ट्र सरकार से बातचीत करनी चाहिए थी, न कि इस तरह जबरन यातायात रोककर लोगों की परेशानियां बढ़ानी चाहिए थीं।
ग्रामीणों में आक्रोश, विरोध की तैयारी
पोडसा गांव के लोग इस फैसले से बेहद नाराज हैं। उनका कहना है कि तेलंगाना प्रशासन ने बिना किसी पूर्व सूचना के यातायात रोका और पुलिस को महाराष्ट्र की सीमा में भेजकर जबरन कार्रवाई करवाई। इससे दोनों राज्यों के व्यापार, रिश्ते और स्थानीय लोगों की जिंदगी पर सीधा असर पड़ रहा है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही यह प्रतिबंध नहीं हटाया गया तो वे बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
क्या सरकार करेगी दखल?
अब सवाल यह उठता है कि महाराष्ट्र सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाएगी? क्या यह मामला दोनों राज्यों के बीच विवाद को और गहरा करेगा? या फिर कोई समाधान निकलेगा? फिलहाल, स्थानीय लोग सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि वह जल्द से जल्द इस मसले को सुलझाए और उनकी परेशानी खत्म करे।